नवरात्रि के त्योहार में भक्त मां दुर्गा की भक्ति में डूब जाते हैं. नौ दिनों तक चलने वाला यह पर्व न सिर्फ आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह शरीर और मन को तरोताजा करने का मौका भी देता है. हालांकि, व्रत के दौरान कई लोग पानी पीना कम कर देते हैं या पूरी तरह बंद कर देते हैं. ऐसा करना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है. लेटेस्ट रिसर्च और डॉक्टरों की सलाह के आधार पर हम आपको बता रहे हैं कि नवरात्रि के व्रत में लंबे समय तक पानी न पीने से क्या-क्या समस्याएं हो सकती हैं और इनसे कैसे बचा जा सकता है?

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लंबे समय तक पानी न पीने से होने वाली समस्याएं

डॉक्टरों का कहना है कि पानी हमारे शरीर का सबसे जरूरी हिस्सा है. यह न सिर्फ हमें हाइड्रेट रखता है, बल्कि पाचन, स्किन और दिमाग के कामकाज को भी ठीक रखता है. नवरात्रि के दौरान अगर आप लंबे समय तक पानी नहीं पीते तो कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम हो सकती हैं. 

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1. डिहाइड्रेशन (पानी की कमी): लंबे समय तक पानी न पीने की सबसे कॉमन प्रॉब्लम डिहाइड्रेशन है.  दिल्ली स्थित अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल में डायटिक्स और न्यूट्रिशन विभाग की सीनियर कंसलटेंट डॉ. दिव्या मलिक के मुताबिक, नवरात्रि में कई लोग निर्जला व्रत रखते हैं, जिससे शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है. इससे थकान, चक्कर आना और सुस्ती जैसी समस्याएं होने लगती हैं. गंभीर मामलों में उल्टी और दस्त भी हो सकते हैं. 2024 के दौरान The Journal of Nutrition में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक, शरीर में 2-3% पानी की कमी होने पर ही दिमाग की कार्यक्षमता कम हो सकती है. इससे ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत होती है. साथ ही, मूड स्विंग्स और सिरदर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं. 

2. पाचन संबंधी समस्याएं: काफी समय तक पानी न पीने से पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ता है. एक्सपर्ट के मुताबिक, व्रत में लोग अक्सर साबूदाना, कुट्टू का आटा या आलू जैसे भारी खाद्य पदार्थ खाते हैं, लेकिन पानी कम पीते हैं. इससे कब्ज, गैस, और एसिडिटी की समस्या हो सकती है. American Journal of Gastroenterology (2025) में प्रकाशित एक रिसर्च के मुताबिक, पानी की कमी से आंतों में मल का जमाव हो सकता है, जिससे कब्ज की शिकायत बढ़ती है.

3. ब्लड शुगर का असंतुलन: डायबिटीज के मरीजों के लिए व्रत में पानी कम पीना ज्यादा खतरनाक हो सकता है. दरअसल, व्रत के दौरान काफी समय तक भूखे रहने और पानी न पीने से ब्लड शुगर लेवल अचानक गिर सकता है. वहीं, व्रत तोड़ने के लिए अगर मीठा खाया जाए तो शुगर लेवल अचानक बढ़ भी सकता है. 2024 में Diabetes Care जर्नल में पब्लिश स्टडी के मुताबिक, डिहाइड्रेशन इंसुलिन सेंसिटिविटी को प्रभावित करता है, जिससे डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर का नियंत्रण मुश्किल हो जाता है. डायबिटीज के मरीजों को डॉक्टर की सलाह के बिना निर्जला व्रत नहीं रखना चाहिए.

4. त्वचा पर बुरा असर: पानी की कमी का असर त्वचा पर भी दिखता है. व्रत के दौरान कम पानी पीने से स्किन रूखी हो सकती है, होंठ फट सकते हैं और स्किन पर झुर्रियां जल्दी दिखने लगती हैं. Journal of Clinical and Aesthetic Dermatology (2025) में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक, रोजाना 8-10 ग्लास पानी पीने से स्किन की नमी बनी रहती है और कोलेजन प्रॉडक्शन में मदद मिलती है. 

5. किडनी पर दबाव: लंबे समय तक पानी न पीने से किडनी पर भी बुरा असर पड़ता है. पानी की कमी से पेशाब की मात्रा कम हो जाती है, जिससे किडनी में टॉक्सिन्स जमा होने का खतरा बढ़ता है. इससे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) या किडनी स्टोन की समस्या हो सकती है. 

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.