Morning Sickness : प्रेग्नेंसी के दौरान कब क्या हो जाए इसका अंदाजा लगाना काफी मुश्किल हो जाता है. गर्भावस्था के नौ महीने काफी मुश्किल भरे होते हैं. इस दौरान अचानस से कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं. इन समस्याओं में उल्टी, मतली, जी मिचलाना जैसे लक्षण शामिल हैं. महिलाओं को आमतौर पर शुरुआत के तीन महीनों में मतली और उल्‍टी होती है. शुरू के तीन महीनों तक इस तरह की समस्या होने पर परेशान होने की जरूरत नहीं होती है क्योंकि यह सामान्य अवस्था है, लेकिन अगर आपको तीन महीने के बाद भी इस तरह की परेशानी हो रही है तो इस विषय में सोचने की जरूरत है. आइए जानते हैं 16वें हफ्ते के बाद उल्टी और मतली होने के क्या हो सकते हैं वजह?

अनहेल्दी डाइट

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को हेल्दी आहार खाने की सलाह देती है. ऐसे में अगर आप अधिक तला-भुना खाते हैं तो आपको एसिडिटी, मतली और उल्टी जैसी परेशानी हो सकती है. कोशिश करें कि गर्भावस्था में जंकफूड्स और अधिक तला-भुना आहार न खाएं. 

शारीरिक बदलाव

भ्रूण का विकास और गर्भाशय बढ़ने की वजह से आपको कमजोरी जैसा महसूस हो सकता है. खासतौर पर जब गर्भाशय पर प्रेशर बढ़ता है तो स्ट्रेस, लेबर की चिंता और एंजायटी के कारण कुछ महिलाओं को मतली और उल्टी जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं. 

​प्रीक्‍लैंप्सिया के कारण

गर्भाशय में हाई ब्लड प्रेशर की अवस्था को प्रीक्‍लैंप्सिया कहा जाता है. इस स्थिति में काफी ज्यादा उल्टी और मतली जैसी परेशानी हो सकती है. अगर आपको इस तरह की समस्या हो सकती है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें. 

किस तरह करें कंट्रोल?

  • मतली और उल्टी जैसी परेशानी होने पर पर्याप्त मात्रा में नींद लें. 
  • कैफीन युक्त जैसे चाय और कॉफी का कम से कम मात्रा में सेवन करें. 
  • दिन भर कुछ न कुछ जरूर खाएं. 
  • डिहाइड्रेशन से बचने के लिए अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन करें.

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