हम अक्सर सोचते हैं कि हार्ट अटैक या स्ट्रोक अचानक बिना किसी चेतावनी के होते हैं, लेकिन सच्चाई इससे काफी अलग है. हाल ही में जर्नल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी में छपी एक बड़ी रिसर्च से पता चला है कि हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक अचानक नहीं होते, बल्कि ये हमारी लाइफस्टाइल की गलतियों का नतीजा होते हैं.

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इस स्टडी में कोरिया के 6 लाख से ज्यादा लोगों और अमेरिका के 1200 से ज्यादा मरीजों का डेटा देखा गया. रिसर्च का नतीजा चौंकाने वाला था. इस रिसर्च में 99 प्रतिशत मरीजों में हार्ट अटैक या स्ट्रोक से पहले कम से कम एक बड़ा रिस्क फैक्टर मौजूद था, यानी कि हम चाहें तो समय रहते इन खतरों को पहचान कर अपने दिल और दिमाग की सेहत को बचा सकते हैं. आइए जानते हैं 99 पर्सेंट स्ट्रोक और हार्ट अटैक के कारण क्या हैं और कैसे बचें. 

1. हाई ब्लड प्रेशर – स्टडी में पाया गया कि 96 प्रतिशत मरीजों में ब्लड प्रेशर हाई था. यह एक साइलेंट किलर है, क्योंकि यह बिना लक्षणों के धीरे-धीरे शरीर के सबसे अहम अंगों पर असर डालता है, खासकर दिल और दिमाग पर. हाई बीपी से धमनियों पर ज्यादा दबाव पड़ता है, जिससे हार्ट की मांसपेशियां कमजोर होती हैं और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ता है. इससे बचने के लिए नमक का सेवन कम करें, रोजाना 30 मिनट टहलें या कोई हल्की एक्सरसाइज करें, तनाव कम करने की कोशिश करें और बीपी रेगुलर चेक करवाते रहें. 

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2. स्मोकिंग - इस रिसर्च में 68 प्रतिशत मरीज ऐसे थे जो स्मोकिंग करते थे. सिगरेट में मौजूद केमिकल्स धमनियों को सिकोड़ देते हैं, जिससे खून का बहाव और ऑक्सीजन सप्लाई दोनों कम हो जाते हैं. इससे दिल को पूरा ऑक्सीजन नहीं मिल पाता और धीरे-धीरे खतरा बढ़ता है. इससे बचने के लिए तुरंत स्मोकिंग छोड़ें, चाहे बीड़ी हो या सिगरेट, निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी या डॉक्टर की मदद लें और घर में स्मोकिंग करने वालों से दूरी बनाए रखें. 

3.  हाई कोलेस्ट्रॉल – खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से ब्लड वेसल्स की अंदरूनी दीवारों पर प्लाक जमा होने लगता है. यही प्लाक बाद में ब्लॉकेज बन जाता है, जो हार्ट अटैक या स्ट्रोक की वजह बनता है. शरीर में अच्छा कोलेस्ट्रॉल भी होता है जो धमनियों को साफ रखने में मदद करता है, लेकिन अगर संतुलन बिगड़ जाए तो खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में इससे बचने के लिए फास्ट फूड, तले-भुने खाने और ट्रांस फैट से दूर रहें, ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले फूड लें और नियमित रूप से ब्लड टेस्ट करवाएं. 

4. हाई ब्लड शुगर – जिन लोगों को डायबिटीज होती है, उनके लिए हार्ट डिजीज और स्ट्रोक का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में दोगुना होता है. जब शरीर में शुगर का स्तर बढ़ता है तो ब्लड वेसल्स सख्त हो जाते हैं और खून का बहाव रुकने लगता है. ऐसे में इससे बचने के लिए मीठा और मैदे से बनी चीजें कम करें, ब्लड शुगर की नियमित जांच कराएं, फाइबर युक्त खाना और नियमित व्यायाम से शुगर कंट्रोल करें. 

महिलाओं में भी तेजी से बढ़ रहा है खतरा

पहले माना जाता था कि महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा कम होता है, खासकर 60 की उम्र से पहले. हालांकि, इस स्टडी के मुताबिक 60 साल से कम उम्र की महिलाओं में भी 95 प्रतिशत से ज्यादा केसों में कोई न कोई रिस्क फैक्टर पाया गया. महिलाओं में हॉर्मोनल बदलाव, स्ट्रेस और अनहेल्दी डाइट के कारण यह खतरा तेजी से बढ़ रहा है. इसलिए जरूरी है कि पीरियड्स और मेनोपॉज के समय हार्मोनल चेकअप करवाएं, तनाव से निपटने के लिए मेडिटेशन और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं, अपनी हेल्थ को नजरअंदाज न करें और नियमित हेल्थ चेकअप कराएं. 

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.