इंडियन खाने में रोटी का अपना एक खास महत्व हैं. कई लोग ऐसे हैं जो चावल की जगह रोटी खाना ही पसंद करते हैं. इतना ही नहीं कुछ लोग इसे ‘सभी ब्रेड का राजा’ भी कहते हैं. क्योंकि इसमें कई तरह के पोषक तत्व होते हैं और इसे लगभग किसी भी चीज के साथ खाया जा सकता है. रोटी के बिना इंडियन खाना अधूरा सा लगता है. लेकिन, जब हम सभी तवे से सीधे परोसी गई ताज़ी पकी हुई रोटियां खाते हुए बड़े हुए हैं.
बासी रोटी खाने के फायदे
दूसरी तरफ ताजी रोटी रोटी के अलावा क्या आप जानते हैं कि बासी रोटियां यानी लेफ्ट ओवर रोटी जोकि पिछली रात की आप अपने फ्रिज में रख देते हैं. उसे भी आप आराम से खा सकते हैं. यह आपके हेल्थ के लिहाज से काफी ज्यादा फायदेमंद भी होता है. न्यूट्रिशनिस्ट और कंटेंट क्रिएटर दीपशिखा जैन के अनुसार, बासी रोटियां ताज़ी बनी रोटियों से भी ज़्यादा अच्छी होती हैं. उनका कहना है कि जब रोटियों को 12 घंटे तक ठंडी जगह पर रखा जाता है. तो इससे उनकी बनावट बदल जाती है और कई तरह के फ़ायदे मिलते हैं.
बासी रोटी को लेकर क्या कहता है रिसर्च?
ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में RMIT यूनिवर्सिटी (रॉयल मेलबर्न इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) के रिसर्चर ने बताया कि व्हाइट ब्रेड बेक होने के बाद उसमें स्टार्च की मात्रा काफी ज्यादा होती है. लेकिन जब उसे ठंडे जगह पर रखा जाता है. उसमें हेल्दी स्टार्च पनपने लगते हैं. जिसे प्रतिरोधी स्टार्च कहा जाता. रिसर्च में पाया गया कि यह प्रतिरोधी स्टार्च रेफ्रिजरेटर के तापमान पर सबसे अच्छा बढ़ता है. बहुत ज़्यादा नहीं बढ़ता, शायद इतना भी नहीं कि यह इस बात को पछाड़ दे कि सफ़ेद ब्रेड कितनी ज्यादा अनहेल्दी होती है, लेकिन यह प्रतिरोधी स्टार्च कोलन कैंसर से बचाने का एक साधन है और दूसरे हेल्थ बेनिफिट्स इससे मिलते हैं.
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प्रतिरोधी स्टार्च कार्बोहाइड्रेट अणुओं का एक समूह है जो शरीर के अपने पाचन एंजाइमों के प्रति प्रतिरोधी होता है. इसके बजाय, हमारी आंतों में रहने वाले कुछ बैक्टीरिया इन स्टार्च पर दावत करते हैं. और बहुत सारे फैटी एसिड छोड़ जाते हैं. RMIT के पेपर के पहले लेखक विलियम सुलिवन ने कहा, यह हमारे कोलन में बैक्टीरिया के लिए कार्बन का एक अच्छा सोर्स है जो इंसान के आंत के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद है. एक रिसर्च के मुताबिक मोटापे से बचने और आंत के हार्मोन को कंट्रोल करने में यह काफी ज्यादा मदद करते हैं. यहां तक कि कोलन कैंसर का कारण इससे बनाने वाली टिश्यूज की रोकथाम भी करता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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