Weight Loss Drugs: दुनियाभर में मोटापा गंभीर स्वास्थ्य समस्या का कारण बनता जा रहा है. आज हर दूसरा इंसान अपने बढ़ते वजन को लेकर कोई न कोई दवाई, एक्सरसाइज या डाइट प्लान फॉलो करता नजर आता है. अगर भारत की बात की जाए तो हाल और भी बदतर है. हाल ही में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार, हर चार में से एक भारतीय एडल्ट मोटापे और ओवरवेट का शिकार है. बीते कुछ सालों से यह आंकड़ा और भी तेजी से बढ़ता नजर आ रहा है.

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भारत में मोटापे के चलते लोग वजन कम करने के लिए बाजार में मिलने वाली वेट लॉस ड्रग्स पर जरूरत से ज्यादा निर्भर होते जा रहे हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि किस तरह भारत में वेट लॉस ड्रग की ये मार्केट अपने पैर पसार रही है.

भारत में बढ़ती मोटापे की समस्या

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मोटापा तेजी से भारत की सबसे गंभीर समस्याओं में से एक बनता जा रहा है. हाल में किए गए कई सर्वे से पता चलता है कि यह हेल्थ प्रॉब्लम सिर्फ बड़ों को नहीं बल्कि बच्चे भी इसके शिकार हो रहे हैं. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के अनुसार, 24% भारतीय महिलाएं और 23% भारतीय पुरुष या तो अधिक वजन वाले हैं या फिर बेहद मोटे हैं. इससे भी ज्यादा चिंता वाली बात यह है कि पांच साल से कम उम्र के अधिक वजन वाले बच्चों की संख्या सिर्फ पांच सालों में 2.1% से बढ़कर 3.4% हो गई है. इसके अलावा हर पांच भारतीय घरों में से एक में सभी एडल्ट अधिक वजन वाले या मोटे हैं. 

भारत में वजन घटाने वाली दवाओं की मार्केट

मोटापे की बढ़ती दर को देखते हुए कई बड़ी कंपनियों ने मोटापा कम करने के लिए अलग-अलग दवाएं लॉन्च की हैं. इसी कड़ी में मार्च 2025 में एली लिली ने भारत में अपनी मोटापा घटाने वाली दवा मौनजारो (तिरजेपेटाइड) लॉन्च की थी. यह दवाई सीडीएससीओ से अप्रूवल मिलने के बाद सिंगल डोज में भी बाजारों में आसानी से उपलब्ध है. इस दवाई की बिक्री काफी तेजी से बढ़ रही है. शुरुआत में ही इसकी बिक्री 24 करोड़ रुपये की रही और जून 2025 में यह आंकड़ा बढ़कर 50 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. मौनजारो की दवा बेहद महंगी होती है. इसकी 2.5 मिली ग्राम शीशी की कीमत 3,500 रुपये और 5 मिली ग्राम शीशी की कीमत 4,375 रुपये है. 

क्यों बढ़ रही है डिमांड

दरअसल, मोटापा कम करने के लिए दी जाने वाली ये दवाएं असल में टाइप 2 डायबिटीज़ के इलाज के लिए दी जाती हैं. यह दवाएं अपने वजन घटाने के फायदों के कारण भी तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं. दरअसल, खाना खाने के बाद शरीर में आंते ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने के लिए GLP-1 और GIP हार्मोन रिलीज करती हैं, जिसके बाद GLP-1 लोगों को पेट भरा हुआ महसूस कराता है और उनकी भूख कम करता है. यह फार्मूला वजन कम करने में मदद करता है. ऐसे में मौनजारो और ओजेम्पिक जैसी दवाएं इन होर्मोन्स की नकल करके वजन कम करने में मदद करती हैं.

ओवरवेट और बढ़ते मोटापे से कैसे निपटा जाए

मोटापे और ओवरवेट की समस्या से निपटने के लिए लोगों का हेल्थ के प्रति जागरूक होना बेहद जरूरी है. रोजाना एक्सरसाइज, योगा और संतुलित भोजन इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए कारगर है. साथ ही लोगों को ज्यादा से ज्यादा फिजिकल काम करना चाहिए. इसके अलावा पैक्ड और प्रोसेस्ड फूड की लत खत्म करके ही इस बीमारी से निजात पाई जा सकती है.

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