हाथ की कमजोर पकड़ सिर्फ कमजोरी ही नहीं बल्कि कई गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकती है. दिल्ली के डॉक्टरों ने एक रिसर्च में खुलासा किया है कि हाथ की कमजोर पकड़ वाले लोगों को टाइप-2 डायबिटीज, दिल की बीमारी, स्ट्रोक, किडनी, लिवर की बीमारियां, कैंसर, मसल्स की कमजोरी और हड्डियां टूटने का खतरा हमेशा बना रहता है. 

18 साल के बाद यह खास टेस्ट जरूर करवाना चाहिए

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक हाथ की कमजोर पकड़ कई बीमारियों का संकेत हो सकती है. कमजोर पकड़ वाले लोगों को हॉस्पिटल में एडमिट होने की संभावना बढ़ जाती है. साथ ही उनका पोषण स्तर भी कम होने लगता है.फोर्टिस अस्पताल के डॉ. अनूप मिश्रा के मुताबिक 18 साल के बाद हर व्यक्ति को करवाते रहना चाहिए. यह टेस्ट एक खास तरह की प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप होती है क्योंकि इससे पता चलता है कि व्यक्ति की मांसपेशियां कहीं धीरे-धीरे कमजोर तो नहीं हो रही है. 

कमजोर मांसपेशियां मतलब डायबिटीज

भारत में कमजोर मांसपेशियां की बीमारी बेहद आम बात है. कई रिसर्च और स्टडी से पता चला है कि इसकी खास वजह यह है कि यहां के लोगों को डायबिटीज होती है. भले ही वजन नॉर्मल हो लेकिन अधिकतर लोग डायबिटीज का शिकार होते हैं. सिर्फ मोटापा, पेट की चर्बी ही नहीं कम मांसपेशियों कई कारणों की वजह से हो सकती है. 

कमजोर मसल्स से पीड़ित हैं तो ऐसे करें पता

अगर पुरुषों की हाथ की पकड़ कमजोर है तो उनकी कम पकड़ सीमा 27.5 किलो होगी. और महिलाओं में अगर पकड़ कम है तो 18 किलो से कम होगी. अगर किसी की पकड़ 27.5 किलो से कम है तो इसका मतलब है कि उसकी मांसपेशियां काफी ज्यादा कमजोर है. एक व्यक्ति को अक्सर इस मामले में सावधान रहना चाहिए क्योंकि यह हड्डियों की मजबूती, डायबिटीज, दिल की बीमारी और कैंसर तक की पहचान करती है. 

कमजोर पकड़ को कैसे करें मजबूत?

कमजोर पकड़ को मजबूत करने के लिए पैदल चलना अच्छा होता है. इसके अलावा वेट्स या थेरा बैंड के साथ रेजिस्टेंस एक्सरसाइज करना चाहिए. चलने से मसल्स का विकास होता है और वह मजबूत होता है.