14 साल की उम्र में ही क्रिकेट की दुनिया में धमाल मचाने वाले वैभव सूर्यवंशी अब तक कई रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं. बिहार का यह युवा बल्लेबाज अपने लंबे-लंबे छक्कों के लिए क्रिकेट प्रेमियों के दिल में अपनी खास जगह बना चुका है. आइए जानते हैं कि वैभव सूर्यवंशी किस तरह की डाइट लेते हैं, जिससे उन्हें लंबे-लंबे छक्के लगाने की ताकत मिलती है? 

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आईपीएल के बाद बढ़ गया था वजन

वैभव के पिता संजीव सूर्यवंशी और कोच मनीष ओझा के मुताबिक, IPL के बाद वैभव का वजन बढ़ गया था. दरअसल, फेमस होने के बाद वह खाने-पीने में लापरवाही करने लगे, जिससे उनका वजन काफी ज्यादा हो गया था. ऐसे में उन्होंने बैलेंस्ड डाइट अपनाई. जिम जाने, वेट कंट्रोल और स्ट्रिक्ट ईटिंग से मिली ताकत उनके लंबे-लंबे छक्कों में नजर आती है. 

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वैभव की डाइट में क्या-क्या शामिल?

वैभव की डाइट क्रिकेटरों के लिए मॉडल है. उन्होंने अपनी पसंदीदा चीजें छोड़कर लीन प्रोटीन, होल ग्रेन्स, फ्रूट्स और  हाइड्रेशन पर फोकस किया. हाई-प्रोटीन फूड में चिकन, एग्स, दालें, पनीर, दूध और प्रोटीन शेक शामिल हैं. ये मसल्स बनाने और रिकवरी के लिए जरूरी हैं. क्लीन कार्ब्स के लिए वह ब्राउन राइस, ओट्स, स्वीट पोटैटो और साबुत अनाज की रोटी खाते हैं. इसके अलावा इम्युनिटी बूस्ट करने के लिए वह सेब, केला, संतरा, पालक और ब्रोकली खाते हैं. वैभव के लिए पिज्जा, बर्गर, फ्राइड फूड, ज्यादा मीठा और तला-भुना बैन कर दिया गया है. वहीं, लिट्टी-चोखा जैसी बिहारी डिशेज भी अब वह कम खाते हैं. 

कैसी होनी चाहिए एथलीट्स की डाइट?

मानेसर स्थित फोर्टिस हॉस्पिटल में एडिशनल डायरेक्टर इंटरनल मेडिसिन डॉ. स्वाति माहेश्वरी के मुताबिक, युवा एथलीट्स के लिए हाई-प्रोटीन और क्लीन कार्ब्स वाली डाइट बहुत जरूरी है. यह मसल्स ग्रोथ, एनर्जी और रिकवरी के लिए बेस्ट है. पावर हिटिंग करने वाले वैभव जैसे खिलाड़ियों को 1.6-2 ग्राम प्रोटीन प्रति किलो बॉडी वेट लेना चाहिए.

कैसे मिलती है छक्के लगाने की ताकत?

डाइट के साथ वैभव की ट्रेनिंग भी काफी सख्त है. उन्होंने बचपन से ही कार्डियो, वेट ट्रेनिंग और कोर स्ट्रेंथ पर फोकस किया. इसके अलावा वह रोजाना रनिंग, स्प्रिंट्स, HIIT (हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग करते हं, जिससे स्पीड और स्टैमिना बढ़ता है. वहीं, पावरफुल शॉट्स लगाने के लिए वह स्ट्रेंथ ट्रेनिंग जैसे वेट लिफ्टिंग, बॉडीवेट एक्सरसाइज (पुश-अप्स, स्क्वॉट्स) करते हैं. इसके अलावा एजिलिटी ड्रिल्स से फील्डिंग और रनिंग बेहतर होती है.

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.