Early Signs Of Ovarian Cancer: ओवेरियन कैंसर दुनिया में तीसरा सबसे आम स्त्री रोग संबंधी कैंसर है और अमेरिका में महिलाओं की कैंसर से होने वाली मौतों के प्रमुख कारणों में से एक. इसे अक्सर साइलेंट किलर कहा जाता है, क्योंकि शुरुआती स्टेज में यह लगभग बिना शोर किए बढ़ता जाता है और जब तक पता चलता है, बीमारी काफी आगे बढ़ चुकी होती है. साल 2024 के वैश्विक आंकड़ों के मुताबिक, दुनिया में करीब 3.24 लाख नए मामले आए और लगभग 2.06 लाख महिलाओं की मौत इस बीमारी से हुई.ज्यादातर मामलों में यह कैंसर ओवरी  में बनने वाले घातक ट्यूमर से शुरू होता है. खासकर एपिथीलियल ओवेरियन कैंसर, जो असामान्य सेल्स की तेजी से बढ़त के कारण होता है. कुल मिलाकर किसी महिला में ओवेरियन कैंसर होने का जीवनभर का जोखिम लगभग 1.3 प्रतिशत माना जाता है, लेकिन उम्र, पारिवारिक हिस्ट्री और कुछ खास जेनेटिक म्यूटेशन से यह जोखिम कई गुना बढ़ सकता है. यही वजह है कि समय रहते पहचान बेहद जरूरी हो जाती है.

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क्यों शुरुआती पहचान इतनी मुश्किल होती है?

समस्या यह है कि शुरुआती स्टेज में ओवेरियन कैंसर ऐसे लक्षण देता है जिन्हें महिलाएं अक्सर नजरअंदाज़ कर देती हैं मामूली परेशानी समझकर. यही कारण है कि Mayo Clinic के अनुसार लगभग 75 प्रतिशत मामले स्टेज 3 या 4 में पकड़ में आते हैं, जब कैंसर ओवरी से बाहर फैल चुका होता है. क्योंकि शुरुआती लक्षण आमतौर पर पेट फूलने, जल्दी पेट भरने, हल्के पेट दर्द या बदलती पाचन आदतों जैसे दिखते हैं जिन्हें अक्सर साधारण मानकर टाल दिया जाता है. इसलिए पहचान देर से होती है. ऊपर से, इस बीमारी के लिए कोई नियमित स्क्रीनिंग टेस्ट भी उपलब्ध नहीं है.

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ओवेरियन कैंसर इतनी देर से क्यों पकड़ में आता है?

ओवरी शरीर के भीतर गहराई में होते हैं, कई अंगों के पीछे छिपे हुए. छोटे ट्यूमर आसानी से महसूस नहीं होते और शुरुआती कैंसर अक्सर कोई साफ लक्षण नहीं देता. जब तक लक्षण दिखने लगते हैं, बीमारी कई बार फैल चुकी होती है. इसी वजह से केवल 20 से 25 प्रतिशत मरीजों का कैंसर शुरुआती स्टेज में पकड़ा जाता है. जैसे-जैसे बीमारी आगे बढ़ती है, बचने की संभावना काफी कम होती जाती है. 

Mayo Clinic की नई रिसर्च क्या कहती है?

इस साल Mayo Clinic की एक महत्वपूर्ण स्टडी सामने आई, जिसमें पता चला कि फेलोपियन ट्यूब की लाइनिंग में मौजूद सेल्स, जिन्हें अब ओवेरियन कैंसर के शुरुआती स्रोत के रूप में माना जा रहा है बीमारी के बहुत शुरुआती चरण में ही सूक्ष्म बदलाव दिखाने लगती हैं. स्टडी में शामिल महिला महज 22 साल की थी, लेकिन उसमें ऐसे जेनेटिक म्यूटेशन थे जो कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं. स्कैन में सिर्फ एक साधारण सिस्ट दिखा, लेकिन गहराई से टेस्ट करने पर सेल्स में कैंसर से पहले होने वाले बदलाव मिले.

कौन-से आम लक्षण ओवेरियन कैंसर के शुरुआती संकेत हो सकते हैं?

एक्सपर्ट बताते हैं कि जिन लक्षणों को ज्यादातर महिलाएं छोटी-मोटी परेशानी समझकर टाल देती हैं, वे असल में चेतावनी हो सकते हैं. इसमें-

  • पेट में लगातार फूलना या भारीपन
  • कुछ खाने के बाद ही पेट भरने का अहसास
  • निचले पेट या पेल्विक क्षेत्र में हल्का दर्द
  • पीठ में दर्द, खासकर लोअर बैक
  • कब्ज, दस्त या यूरिन की आदतों में बदलाव
  • थकान, कमजोरी, वजन में अचानक बदलाव

क्योंकि ये लक्षण रोजमर्रा की परेशानियों जैसे भी लगते हैं, इसलिए इन्हें हल्के में लेना बहुत आसान है. लेकिन इनके दो-तीन हफ्ते लगातार बने रहने पर डॉक्टर से मिलना जरूरी है.

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.