Why Symptoms Worsen In Cold Weather: सर्दियों में तापमान में अचानक गिरावट सिर्फ रजाई ओढ़कर मस्त सोने का ही नहीं होता, यह शरीर के लिए बड़ा झटका साबित हो सकती है. ठंड का मौसम कई पुरानी बीमारियों को बढ़ा देता है, जिससे दर्द, जकड़न और कमजोरी इतनी बढ़ सकती है कि सामान्य काम करना भी मुश्किल हो जाता है. कई लोगों में यह स्थिति लगभग अपाहिज जैसा असर छोड़ देती हैय अच्छी बात यह है कि ये लक्षण अक्सर ठंड कम होने पर घट जाते हैं, लेकिन सावधान रहना जरूरी है.
कैसे बचें?
अगर सर्दी में बाहर निकलना पड़े, तो गर्म कपड़ों की कई परतें पहनें और सिर ढकें. शरीर गीला न होने दें, क्योंकि नमी से शरीर की गर्मी जल्दी खत्म होती है. साथ ही, डॉक्टर से अपनी फैमिली हिस्ट्री और हेल्थ स्क्रीनिंग पर बात करें ताकि जोखिम पहले से समझा जा सके. एडिथ सी. मबाग्वू, एमडी, डीएबीओम, (फैमिली मेडिसिन की सीनियर लेक्चरर, यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड मेडिकल स्कूल) अपने लेख में बताती हैं कि सर्दियों के मौसम में कुछ ऐसी बीमारियां होती हैं, जिनमें सोरायसिस, जिसमें सर्दियों की सूखी हवा त्वचा की नमी छीन लेती है, इससे त्वचा फटने, जलन और खुजली की समस्या तेज हो सकती है. दूसरे नम्बर पर आपको सीओपीडी की बीमारी हो सकती है, इसमें होता यह है कि ठंडी हवा फेफड़ों पर अतिरिक्त दबाव डालती हैय इससे सांस फूलना, खांसी और बलगम की समस्या बढ़ सकती है. फ्लू और अस्थमा भी सीओपीडी को और खराब कर देते हैं. इनके अलावा-
फ्लू
सर्दियों में फ्लू वायरस ज्यादा तेजी से फैलता है. धूप कम मिलने से विटामिन D घटता है और इम्यूनिटी कमजोर पड़ जाती है. बंद कमरों में इंफेक्टेड लोगों के साथ रहना भी बीमारी को बढ़ाता है.
अस्थमा
बहुत ठंडी हवा फेफड़ों की नलियों को सिकोड़ देती है, जिससे अस्थमा अटैक की संभावना बढ़ जाती है.
आर्थराइटिस
ठंड से जोड़ों में ब्लड का फ्लो कम हो जाता है, जिससे जकड़न, दर्द और सूजन बढ़ जाती है. बारोमेट्रिक प्रेशर में कमी से शरीर के टिश्यू फैलते हैं और नसों पर दबाव बढ़ने लगता है. इसलिए जोड़ों की बीमारी वाले मरीजों को ठंड में भी हल्की एक्सरसाइज जारी रखनी चाहिए.
रेयनॉड्स डिजीज
इस बीमारी में उंगलियों और पैर की उंगलियों की ब्लड बेसल्स सिकुड़ जाती हैं. ठंडी हवा यह असर और बढ़ा देती है, जिससे दर्द, सुन्नपन और त्वचा का रंग बदलने लगता हैय
कैसे रखें अपना ख्याल?
- शरीर को गर्म रखें
- गुनगुना पानी पीते रहें
- घर के अंदर नमी और ठंड से बचें
- हल्की-फुल्की एक्सरसाइज जारी रखें
- पौष्टिक और गर्म भोजन लें
- पुरानी बीमारी वाली दवाएं समय पर लें
- लक्षण बढ़ें तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें
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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.