केंद्र सरकार ने कहा- कोविड के टीके के बिना हर्ड इम्यूनिटी विकसित करने का प्रयास हो सकता है घातक
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ समुचित टीके के अभाव में सामूहिक प्रतिरोधक क्षमता विकासित करने का प्रयास रोग और मृत्यु, दोनों के संदर्भ में घातक हो सकता है.
नई दिल्लीः सरकार का मानना है कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ समुचित टीके के अभाव में सामूहिक प्रतिरोधक क्षमता ( हर्ड इम्युनिटी) विकसित करने का प्रयास रोग और मृत्यु, दोनों के संदर्भ में घातक हो सकता है.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी. प्रश्न में पूछा गया था कि क्या राज्य सरकारें देश में फैली कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए सामूहिक प्रतिरोधक क्षमता के उपाय पर अमल कर रही हैं.
उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी के शुरुआती दौर में कुछ देशों ने सोचा कि बीमारी का संक्रमण फैलने के बाद लोगों में सामूहिक प्रतिरोधक क्षमता स्वत: ही विकसित हो जाएगी. लेकिन इन देशों ने बीमारी और मृत्यु के संदर्भ में गंभीर नतीजों के सामने आने के बाद यह रणनीति दरकिनार कर दी.
चौबे ने कहा कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ समुचित टीके के अभाव में सामूहिक प्रतिरोधक क्षमता विकासित करने का प्रयास रोग और मृत्यु, दोनों के संदर्भ में घातक हो सकता है.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस के संचारण की श्रृंखला तोड़ने की रणनीति के आधार पर कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए योजनाएं, प्रक्रियाएं, परामर्श और विशेष संचालन प्रक्रिया जारी की हैं. जवाब में उन्होंने कोविड- 19 महामारी से निपटने के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदमों का भी जिक्र किया.
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