Eye Symptoms Of Kidney Disease: अक्सर हम सोचते हैं कि किडनी खराब होने पर थकान, पैरों में सूजन या यूरिन में बदलाव दिखाई देता है. लेकिन बहुत कम लोगों को पता होता है कि इसकी शुरुआती निशानियां आंखों में भी दिखाई दे सकती हैं. क्योंकि आंखें और किडनी, दोनों ही सही तरह से काम करने के लिए शरीर की नाजुक नसों और फ्लूइड बैलेंस पर निर्भर करती हैं. अगर एक जगह दिक्कत शुरू होती है, तो असर दूसरी जगह भी दिख सकता है.
अगर आपकी आंखों में लगातार सूजन, लालिमा, जलन, ड्राइनस, धुंधलापन या रंगों को पहचानने में दिक्कत जैसी परेशानियां दिख रही हैं, तो यह किडनी से जुड़ी कोई गहरी समस्या का संकेत हो सकता है. शुरुआत में ये लक्षण हल्के होते हैं, इसलिए आसानी से नजरअंदाज हो जाते हैं. लेकिन अगर इनके साथ थकान या शरीर में सूजन भी हो, तो किडनी और आंखों की जांच कराना बहुत जरूरी है. चलिए आपको बताते हैं कि इसके लक्षण कौन से दिखते हैं.
सूजी हुई आंखें
कभी-कभी देर रात जागने या ज्यादा नमक खाने पर आंखें सूज जाना आम बात है. लेकिन अगर आपकी आंखों में हर दिन सूजन रहती है, तो यह प्रोटीन के यूरिन में लीक होने यानी प्रोटीन्यूरिया का संकेत हो सकता है. किडनी जब कमजोर होने लगती है तो शरीर से जरूरी प्रोटीन निकलने लगता है और इसी वजह से आंखों के आसपास फ्लूइड जमा होने लगता है. अगर सूजन के साथ-साथ यूरिन में झाग भी दिखे, तो इसे अनदेखा न करें और तुरंत जांच कराएं.
धुंधला दिखना या डबल दिखाई देना
अचानक धुंधलापन, साफ नहीं दिखना या डबल इमेज दिखना, आंखों की नसों को नुकसान का संकेत हो सकता है. हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज, जो किडनी खराब होने के दो बड़े कारण हैं, रेटिना की नसों को भी नुकसान पहुंचाते हैं. इससे आंखों में सूजन, लीक और गंभीर स्थिति में विजन लॉस तक हो सकता है. अगर आपको बीपी या डायबिटीज है और विजन बदल रहा है, तो आंखों के साथ-साथ किडनी टेस्ट करवाना जरूरी है.
आंखों का सूखना, जलन या चुभन
लगातार सूखी, जलती हुई या रगड़ जैसा एहसास देने वाली आंखें सिर्फ मौसम का असर नहीं होतीं. उन्नत किडनी बीमारी या डायलिसिस पर रहने वाले लोगों में यह समस्या आम है. किडनी की दिक्कत से मिनरल बैलेंस बिगड़ जाता है और शरीर में जमा टॉक्सिन्स आंसू बनने की प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं. अगर बिना कारण आंखें सूखी और लाल रहती हैं, तो किडनी की जांच करवाना समझदारी है.
आंखों का लाल होना
आंखों का लाल होना आमतौर पर थकान या एलर्जी से जुड़ा होता है. लेकिन किडनी की बीमारी में अनकंट्रोल हाई बीपी छोटी-छोटी ब्लड बेसल्स को फाड़ देता है, जिससे आंखें लगातार लाल दिखती हैं. कुछ मामलों में लूपस नेफ्राइटिस जैसी ऑटोइम्यून बीमारी भी आंखों में सूजन पैदा करती है. अगर लाल आंखों के साथ जोड़ों में दर्द, सूजन या शरीर पर दाने भी हों, तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए.
कब आंखों के लक्षण किडनी बीमारी की तरफ इशारा करते हैं?
हल्की जलन या थोड़ी सूजन आम बात है, लेकिन अगर लक्षण लगातार बने रहें और साथ में थकान, सूजन या यूरिन में बदलाव महसूस हो, तो किडनी की जांच कराना जरूरी है.आंखों की जांच में भी कई बार शरीर की बड़ी बीमारियों के शुरुआती संकेत पकड़े जाते हैं. खासकर डायबिटीज, बीपी या फैमिली हिस्ट्री वाले लोगों को इन बदलावों पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए. लगातार सूजन, लालिमा, धुंधलापन, ड्रायनेस या रंगों में बदलाव जैसे संकेत किडनी की शुरुआती खराबी का इशारा हो सकते हैं. समय पर इलाज लेने से न सिर्फ किडनी, बल्कि आपकी आंखों की सेहत भी सुरक्षित रह सकती है.
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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.