नई दिल्लीः कोई भी माइग्रेन का शिकार किसी भी उम्र में हो सकता है. यूएस रिसर्च फाउंडेशन के मुताबिक, माइग्रेन को एक न्यूरोलॉजिकल बीमारी के रूप जाना जाता है. दुनिया भर में तकरीबन 1 बिलियन लोग माइग्रेन से प्रभावित है. माइग्रेन ज्यादातर सिरदर्द के साथ जुड़ा हुआ है. इस स्थिति में आमतौर पर मतली, धुंधली दृष्टि, उल्टी और प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता शामिल है. माइग्रेन 3 घंटे से 3 दिनों तक रह सकता है.
हर व्यक्ति में माइग्रेन का कारण और लक्षण भिन्न हो सकते हैं. कई बार माइग्रेन तनाव, मौसम में बदलाव, डिप्रेशन, चिंता, उत्तेजना के कारण भी हो सकता है. चलिए जानते हैं माइग्रेन ट्रिगर होने के पीछे क्या कारण हो सकते हैं.
- बहुत समय से रखी हुई चीज़ या पनीर खाने से माइग्रेन हो सकता है. दरअसल इसका कारण टाइरामाइन है. टाइरामाइन एक एमिनो एसिड है, जो पनीर के पुराना होने पर उसमें बनने लगता है.
- हार्मोनल बर्थ कंट्रोल पिल्स के बार-बार इस्तेमाल से माइग्रेन खराब हो सकता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि ये गोलियां महिलाओं में एस्ट्रोजन के स्तर को कम करती हैं. यही कारण है कि कई महिलाओं को पीरियड्स से ठीक पहले माइग्रेन अटैक पड़ता है. यदि आपको माइग्रेन है या रह चुका है तो बर्थ कंट्रोल पिल्स लेने से पहले डॉक्टर से सलाह करें.
- नमक का सेवन कम करने से माइग्रेन अटैक पड़ सकता है. बहुत अधिक नमक का सेवन जहां ब्लड प्रेशर बढ़ा देता है वहीं सोडियम की माइग्रेन का कारण बन सकती है.
- एसपारटेम जैसे आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का अत्यधिक उपयोग माइग्रेन को बढ़ा सकता है. आर्टिफिशियल स्वीटनर्स हमारे सेरोटोनिन स्तर को प्रभावित करती हैं और न्यूरो-पेप्टाइड्स को छोड़ती हैं. यह शरीर में एक चेन रिएक्शन को प्रेरित करता है, जिससे माइग्रेन होता है.
- जेट लैग जिसे लंबी फ्लाइट के बाद की थकावट के रूप में भी जाना जाता है, लगातार यात्रा करने वाले लोगों में नींद की कमी के कारण जेट थकान और अनिद्रा की समस्या होने लगती है. नींद की गड़बड़ी माइग्रेन से जुड़ी है.
ये खबर रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.