देश भर में कोरोना से बने हालात बेकाबू है. रोजाना लाखों की तादाद में नए मामले दर्ज हो रहे हैं तो वहीं हजारों की संख्या में मरीजों की मौत हो रही है. वहीं, लोगों में कोरोना का खौफ भी प्रतिदिन इन आंकड़ों के साथ बढ़ता दिख रहा है.


इस मुश्किल दौर में देश में स्वास्थ्य सेवा चरमाते हुए भी दिखाई दे रही है. अस्पतालों में बेड नहीं है, ऑक्सीजन की कमी हो रही है. वहीं, दवां भी लोगों को नहीं मिल पा रही. ऐसे में डॉक्टर्स ने कुछ उपाय बताये हैं जिसके करने से आप अगर अपने शरीर में लक्षण देख रहे हैं तो उसे बढ़ने या गंभीर होने से रोक सकते हैं.


कहा जा रहा है, कि ऑक्सीजन लेवल गिरने और फेफड़ों के लिए प्रोनिंग एक बेहतर तरीका है.


आईये जानते है क्या है प्रोनिंग?


असल में प्रोनिंग वो एक तरीका है जिससे आप अपने फेफड़ों को मजबूत करने में मदद करते है. दरअसल, इसे शरीर के एक पोजीशन के तौर पर देखा जा सकता है. पेट के बल लेटना और सर नीचे की ओर झुका का पोजीशन बनाना इसे प्रोनिंग कहा जाता है. आपको बता दें, अमेरिका में इस प्रोनिंग की प्रक्रिया को अरसो से लोगों ने अपनी जीवनशैली बनाया हुआ है. वहीं, अब कोरोना के चलते विश्व भर में फेमस हो रही है.


बता दें, स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कोरोना से सेल्फ केयर के लिए प्रोनिंग को अपनाने की बात की है.


आईये जानते हैं कैसे करनी है ये प्रोनिंग की प्रक्रिया


अगर आप कोरोना से संक्रमित हैं और क्वारंटीन हैं और आपको आपका ऑक्सीजन लेवल 94 प्रतिशत से नीचे गिर रहा है. जब तक आपको मेडिकल सेवा मिले तब तक आप इस प्रक्रिया को कर सकते हैं. आपको अपने पेट के बल लेटना होगा. इस प्रक्रिया के लिए आप 4 तकियो की भी जरूरत होगी. एक तकिया आपको अपने सर के नीचे लगाना होगा, दो तकीये छाती के नीचे ऊपरी जांघों के माध्यम से रखा जा सकता है. वहीं, एक तकिया आपकों शिंस के नीचे रखना होगा.


मरीज को इस पोजीशन में 30 मिनट तक रहना होगा. साथ ही हर 30 मिनट बाद पोजीशन को बदलकर दूसरी साइड करना होगा. बता दें, प्रोनिंग की मदद से होने वाली गंभीर स्थिति से बचा जा सकता है. इसकी मदद से आपकी हालत बिगड़ेगी नहीं और वेंटिलेटर की जरूरत नहीं पड़ेगी.


वहीं, ध्यान रहे ये एक प्रक्रिया है, इस पर पूरी तरह निर्भर नहीं रहा जा सकता. अगर आपको अपनी हालत में सुधार नहीं दिखे तो तुरंत मेडिकल सेवा लें.