Aortic Stenosis Symptoms: अभिनेता प्रेम चोपड़ा को गंभीर कंजेशन के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था.  इलाज के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया और वह अब घर पर आराम कर रहे हैं. उ उनके दामाद और अभिनेता शरमन जोशी ने उनकी हेल्थ पर अपडेट साझा किया है. शरमन ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर बताया कि प्रेम चोपड़ा को गंभीर ऑर्टिक स्टेनोसिस की समस्या थी.  डॉक्टरों ने उनका टीएवीआई प्रोसीजर किया, जिसमें बिना ओपन-हार्ट सर्जरी के एऑर्टिक वाल्व को ठीक किया जाता है. यह प्रक्रिया सफल रही और अब प्रेम चोपड़ा धीरे-धीरे स्वस्थ हो रहे हैं. चलिए आपको बताते हैं कि ऑर्टिक स्टेनोसिस की समस्या कितनी खतरनाक है?.

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ऑर्टिक स्टेनोसिस की समस्या

शरमन ने अपने सोशल मीडिया पर अस्पताल से कुछ तस्वीरें साझा कीं और एक लंबा नोट लिखा. उन्होंने लिखा, “हमारे परिवार की ओर से मैं दिल से आभार व्यक्त करना चाहता हूं.  मेरे ससुरजी, प्रेम चोपड़ा जी को जो बेहतरीन इलाज मिला, उसके लिए हम कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नितिन गोकले और इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. रविंदर सिंह राव के बेहद आभारी हैं. उनका इलाज और देखभाल वाकई काबिल-ए-तारीफ थी.”

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नवंबर की शुरुआत में प्रेम चोपड़ा को सीने में भराव की शिकायत के बाद मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था. करीब एक हफ्ते बाद, 15 नवंबर को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉक्टरों ने बताया था कि उन्हें पहले से हार्ट से जुड़ी समस्या है और इसके साथ ही वायरल व फेफड़ों का इंफेक्शन भी हो गया था. हालांकि डॉक्टरों ने यह साफ किया कि उनकी हालत कभी भी क्रिटिकल नहीं थी. डॉक्टरों का कहना था कि उम्र ज़्यादा होने की वजह से रिकवरी में समय लगता है, इसलिए उनकी स्वास्थ्य सुधार की प्रक्रिया थोड़ी धीमी थी.

कितना खतरनाक है ऑर्टिक स्टेनोसिस की समस्या

American Heart Association के अनुसार, एओर्टिक स्टेनोसिस एक गंभीर और संभावित रूप से जानलेवा हार्ट रोग है, जिसमें हार्ट का ऑर्टिक वाल्व इतना संकरा हो जाता है कि शरीर तक पर्याप्त खून नहीं पहुंच पाता. यह स्थिति अनट्रीटेड रहने पर हार्ट फेलियर और सडन कार्डियक अरेस्ट तक का कारण बन सकती है.

कितना खतरनाक?

  • दिल की मांसपेशी धीरे-धीरे कमजोर होने लगती है
  • शरीर तक खून व ऑक्सीजन की सप्लाई कम हो जाती है
  • हार्ट फेल्योर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है
  • गंभीर मामलों में अचानक जान जाने का जोखिम रहता है
  • उम्रदराज मरीजों में रिकवरी और भी धीमी हो जाती है

सबसे अहम है समय पर डायग्नोसिस, क्योंकि अगर सीवियर ऑर्टिक स्टेनोसिस का इलाज न मिले तो मृत्यु का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.