बच्चे की उम्मीद करना किसी महिला की जिंदगी का सबसे खुशहाल समय हो सकता है, लेकिन उसके साथ चुनौतियां और संघर्ष जुड़े होते हैं. सबसे आम शिकायतों में से एक मॉर्निंग सिकनेस है. मॉर्निंग सिकनेस मतली और उल्टी है जो प्रेगनेंसी के शुरुआती चरणों में होता है- आम तौर से पहले 12 सप्ताह में.


प्रेगनेंसी में मॉर्निंग सिकनेस क्या है?


हालांकि, ये अनुभव असुविधाजनक है, लेकिन इससे आपके बच्चे को खतरा नहीं और प्रेगनेंसी के 16 से 20 सप्ताह तक साफ हो जाना चाहिए. इस स्थिति का एक कारण नहीं है लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा शरीर के हार्मोन्स में अचानक बदलाव के साथ साथ कम ब्लड शुगर की वजह  से हो सकता है. कुछ महिलाओं को दूसरों के मुकाबले उसका ज्यादा जोखिम होता है. मॉर्निंग सिकनेस को प्रेगनेंसी के दौरान मतली और उल्टी की बहुत गंभीर शक्ल के साथ भ्रमित नहीं होना चाहिए.  मतली और उल्टी की बहुत गंभीर शक्ल को हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम कहा जाता है, जो बहुत गंभीर हो सकता है और खास इलाज की जरूरत होती है. 


मॉर्निंग सिकनेस के क्या हैं लक्षण?


कुछ महिलाओं को उल्टी होती है जबकि दूसरी महिलाओं को सिर्फ बिना बीमार पड़े मतली के एहसास का अनुभव. मॉर्निंग सिकनेस का शब्द भ्रमित करनेवाला है क्योंकि स्थिति वास्तव में दिन के किसी समय आ सकती है- कुछ महिलाएं दिन भर बीमार महसूस करती हैं. 


सभी प्रेगनेंट महिलाओं की आधी संख्या को उल्टी का अनुभव होता है, और 80 फीसद महिलाएं शुरुआती 12 सप्ताह में मतली का अनुभव करती हैं- दोनों आम तौर से प्रेगनेंसी के बढ़ने के साथ खत्म हो जाते हैं.


मॉर्निंग सिकनेस या रोग का एहसास?


कभी-कभी जब किसी महिला को मतली आ रही होती है, तो उसे प्रेगनेंट होने की हैरानी हो सकती है. इसके पीछे माइग्रेन, एसिड रिफलेक्स, नोरोवायरस या दूसरा संक्रमण समेत कई फैक्टर होते हैं जो किसी को बीमार महसूस करा सकते हैं. कभी-कभी इसका कारण ज्ञात नहीं होता है. अगर आपको अपनी प्रेगनेंसी का पता है, तो मॉर्निंग सिकनेस उठनेवाली अप्रत्याशित समस्या हो सकती है. लेकिन निश्चित रूप से प्रेगनेंट महिलाएं भी बीमार हो सकती हैं.


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