आज की हेक्टिक लाइफ में हम सभी कहीं न कहीं अपने शरीर की केयर करना भूल जाते हैं. खासकर जो लोग ऑफिस में घंटों कंप्यूटर या लैपटॉप के सामने बैठकर काम करते हैं, वे अक्सर कमर दर्द, गर्दन में जकड़न, पीठ में खिंचाव और जोड़ों की समस्याओं से परेशान रहते हैं. लगातार बैठकर काम करने की वजह से न सिर्फ शारीरिक थकान होती है, बल्कि धीरे-धीरे यह आदत कई बड़ी हेल्थ प्रॉब्लम्स को बड़ा दे सकती है. ऐसे में बहुत जरूरी हो जाता है कि हम अपनी डेली लाइफ में ऐसी आदतें शामिल करें, जो हमारे शरीर को एक्टिव बनाए रखें. ऐसे में फिजियोथेरेपी एक ऐसा ही आसान, सेफ और कारगर तरीका है जो न सिर्फ चोट या दर्द में राहत देता है, बल्कि फ्यूचर में होने वाली बीमारियों से भी बचाता है. फिजियोथेरेपी सिर्फ इलाज का तरीका नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी लाइफस्टाइल है जिसे अपनाकर लंबे समय तक हेल्दी और एक्टिव रह सकते हैं. तो चलिए आज हम आपको फिजियोथेरेपिस्ट की ऑफिस में बैठकर काम करने वालों के लिए आसान टिप्स बताते हैं. 

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क्या है फिजियोथेरेपी और क्यों है जरूरी?

फिजियोथेरेपी एक मेडिकल प्रैक्टिस है जिसमें दवाइयों की जगह एक्सरसाइज, मसाज, स्ट्रेचिंग और सही बॉडी पॉश्चर की मदद से शरीर को ठीक किया जाता है. यह उन लोगों के लिए बेहद जरूरी है जो लंबे समय तक एक ही पोजीशन में बैठे रहते हैं, कंप्यूटर या लैपटॉप पर झुककर काम करते हैं, लगातार मोबाइल या टैबलेट यूज करते हैं, बुजुर्ग हैं या जिनकी हड्डियां और मांसपेशियां कमजोर हो रही हैं, किसी चोट, फ्रैक्चर या सर्जरी से रिकवरी कर रहे हैं. ऐसे में फिजियोथेरेपी की मदद से मांसपेशियों की ताकत बढ़ती है, हड्डियां मजबूत होती हैं, शरीर की मोबिलिटी बेहतर होती है, मेंटल स्ट्रेस भी कम होता है, चोट या सर्जरी के बाद जल्दी रिकवरी होती है. 

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ऑफिस में काम करने वालों के लिए आसान और असरदार फिजियोथेरेपी टिप्स

1. हर 30-40 मिनट में ब्रेक लें - लंबे समय तक बैठना शरीर के लिए नुकसानदेह हो सकता है. ऐसे में हर आधे घंटे में 2–3 मिनट का छोटा ब्रेक लें, खड़े हों, थोड़ा चलें या स्ट्रेच करें. 

2. सही बैठने का तरीका अपनाएं - ऑफिस में काम करने के लिए बैठते समय पीठ सीधी रखें, कंधे ढीले और रिलैक्स रखें, पैरों को जमीन पर सीधा रखें, साथ ही आपकी स्क्रीन आंखों के सामने हो, ताकि गर्दन न झुके. 

3. हल्की स्ट्रेचिंग करें - काम के बीच-बीच में हाथ, गर्दन, पीठ और पैरों की हल्की स्ट्रेचिंग करें. इससे ब्लड फ्लो बेहतर होता है और जकड़न दूर होती है. 

4. सुबह 20–30 मिनट की हल्की एक्सरसाइज - दिन की शुरुआत हल्की एक्सरसाइज और योग से करें. इससे शरीर में फ्लेक्सिबिलिटी आती है और दिनभर एक्टिव नेस बनी रहती है. 

5. नींद और आराम भी जरूरी है - शरीर को रिकवर करने के लिए 7–8 घंटे की नींद बेहद जरूरी है. सोने से पहले मोबाइल या लैपटॉप का यूज कम करें. 

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.