केरल में कोरोना के बाद अब निपाह वायरस की दहशत है. कोझिकोड जिले में निपाह वायरस से संक्रमित 12 वर्षीय बच्चे के संपर्क में आए 188 लोगों की पहचान की गई है. कंटैक्ट ट्रैसिंग के जरिए चिह्नित लोगों में 20 को हाई रिस्क मानते हुए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हाई रिस्क के संदिग्ध 2 मरीजों में निपाह वायरस के लक्षण उजागर हुए हैं, जबकि 168 लोगों को घर में आइसोलेट कर दिया गया है. आपको बता दें कि 12 वर्षीय बच्चे के सैंपल को जांच के लिए पुणे भेजा गया था.


रिपोर्ट में निपाह वायरस संक्रमण की पुष्टि के बाद रविवार को संक्रमित बच्चे की मौत हो गई. सरकार ने हर किसी को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी है और कहा है कि बीमारी के लक्षण मिलने पर जहां तक संभव हो सके स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचित करें. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि क्या निपाह वायरस से होनेवाली बीमारी की कोई दवा या वैक्सीन है और किस तरह आप खुद को सुरक्षित रख सकते हैं? 


क्या कोई दवा या वैक्सीन है और कैसे रोका जा सकता है?


विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, "वर्तमान में निपाह वायरस संक्रमण के लिए खास कोई दवा या वैक्सीन नहीं है." एजेंसी की सलाह है, "अगर प्रकोप का संदेह है, तो पशु परिसर को फौरन क्वारंटाइन किया जाना चाहिए. संक्रमित जानवरों को मारना लोगों में ट्रांसमिशन के जोखिम को कम करने के लिए जरूरी हो सकता है. संक्रमित फार्म से दूसरे क्षेत्रों तक जानवरों के आवागमन को रोकना या प्रतिबंधित करना बीमारी के फैलाव को कम कर सकता है."


नेशनल सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल बीमार शख्स या जानवर के संपर्क में आने के बाद पानी और साबुन से हाथ धोने, कच्ची खजूर के रस सेवन से परहेज की सिफारिश करता है, सिर्फ धोए हुए फलों को खाने की सलाह दी जाती है, जमीन से आधे खाए हुए फलों को खाने, सुनसान कुएं में घुसने से परहेज करें और शव का अंतिम संस्कार सरकारी हिदायत के मुताबिक करें. इसके अलावा, खुद को सुरक्षित रखने के लिए अन्य सावधानियां बरत सकते हैं. 


निपाह वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए उपाय



  • अगर बीमार जानवर को छूने की वास्तव में जरूरत पड़े, तो ग्लोव्स और दूसरे सुरक्षात्मक कपड़े पहनें. 

  • झुर्रीदार, कटे हुए या क्षतिग्रस्त फल को किसी भी तरह खरीदने से परहेज करें. 

  • फल पूरी तरह धोकर जोखिम और इस्तेमाल से पहले उसे छीलकर दूर किया जा सकता है.

  • चमगादड़ के निशान वाले फलों को खाने से परहेज करना खुद को सुरक्षित का भी उपाय है.

  • वायरस से संक्रमित किसी शख्स या सामान को छूने से बचें.

  • अगर आप ऐसे क्षेत्र में रहते हैं जहां निपाह वायरस का वजूद है, तो खुद को आइसोलेट करना बेहतर है.

  • अगर संक्रमण के हल्के लक्षण से खुद को बीमार महसूस करते हैं, तो अधिकारियों को सूचित करें.

  • अगर किसी को अस्पताल जाने की जरूरत है, तो उसे सिर्फ पीपीई किट्स में जाना चाहिए. 


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