गर्मी का सीजन काफी तकलीफ से भरा होता है लेकिन फलों का राजा आम का भी यही सीजन होता है. शायद ही कोई व्यक्ति होगा कि जिसे आम खाना पसंद नहीं है.यह रसीला फल आम विटामिन सी, मैग्नीशियम, पोटेशियम और फाइबर से भरपूर होता है. हेल्थ के लिहाज से भी आम का फल काफी अच्छा होता है. अगर आप केमिकल वाले आम खाते हैं तो आपको कई तरह कि बीमारी का सामना करना पड़ सकता है. 


केमिकल से पकाया हुआ आम है नैचुरल तरीके ऐसे से करें पता


जब भी आप मार्केट से आम खरीदकर आए तो इस आसान ट्रिक से पता कर सकते हैं. आम केमिकल से पता है या नैचुरल तरीके से. एक मटका में पानी भरकर आम डाल दें. जो आम पानी के ऊपर तैरने लगे तो वह केमिकल से पका हुआ है. नैचुरल तरीके से पका हुआ आम पानी के नीचे बैठ जाता है. 


केमिकल से पकाए हुआ आम एकदम पीला और चमकीला होते हैं. साथ ही इसपर हल्के हरे रंग के पैच होते हैं. 


केमिकल से पके हुए आम खाने से मुंह में जलन होने लगती है. इसका आकार भी भी छोटा होता है. यह तुरंस सड़ जाते हैं और रस टपकने लगते हैं.  


कार्बाइड वाले आम खाने से बचें


स्किन स्पेशलिस्ट, डॉ. किरण सेठी ने अपने इंस्टाग्राम पर लिखते हैं कि अगर आप मेरी तरह आम खाना खूब पसंद है. तो मेरे पास आपके लिए एक खास सुझाव है. आम खाने से पहले एक बात का ध्यान जरूर दें कि आप नैचुरल रूप से पके हुए आम खा रहे हैं या कैमिकल से पकाए हुए आम यानी कार्बाइड डाला हुआ आम खा रहे हैं. कार्बाइड वाले आम आपके चेहरे पर किल मुंहासे को बढ़ा सकता है वहीं नैचुरल आम आपके हेल्थ के लिए काफी अच्छा है. 


ज्यादा आम खाने से हो सकता है सेहत खराब


आम खाने के बाद कुछ देर तक हमें मीठा चीज भी फीका लगने लगता है इसलिए हम अपनी मिठास बढ़ाने के लिए ज्यादा चीनी का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में याद रहे कि ज्यादा चीनी खाने से भी चेहरे पर मुंहासे बढ़ते हैं. वहीं दूसरी तरफ जब भी आम खाएं तो ज्यादा न खाएं क्योंकि यह काफी ज्यादा मीठा होता है और ज्यादा मीठा खाने से आपकी हेल्थ पर इसका बुरा असर पड़ सकता है. 


आम के छिलके सावधानी से उतारे


हालांकि,गुरुग्राम पारस हेल्थ के एचओडी-प्लास्टिक सर्जरी के डॉ. मनदीप सिंह इसके विपरीत राय रखते हैं. आम खाने से मुंहासे नहीं होते हैं, लेकिन कभी-कभी छिलके में एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थ के कारण मुंहासे हो सकते हैं. इसके अतिरिक्त, फोर्टीफाइड जूस में उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है जो मुंहासे वाली त्वचा में दाने पैदा कर सकता है.


इस तरह के आम खाएं


आम का ताजा फल खाएं, उसका जूस नहीं


आम के छिलके को अपनी त्वचा पर छूने से बचें


आम को सीधे न चबाएं, बल्कि कटे हुए फल को कांटे या चम्मच से खाएं


कच्चे आम की जगह पके हुए आम के व्यंजन खाने की कोशिश करें


आयुर्वेद के मुताबिक गर्म फल मुंहासे पैदा कर सकते हैं. अगर आप गर्म या गर्म आम खाने के बाद अधिक ब्रेकआउट देखते हैं, तो खाने से पहले उन्हें ठंडा करने की कोशिश करें.इस बात पर सहमति जताते हुए डॉ मनदीप ने बताया कि आम को खाने से पहले पानी में भिगोकर रखने से कई फायदे होते हैं. इसलिए इसे खाने से पहले ऐसे जरूर करें. अगर पानी में आम भिगोकर रखने के बाद पके हुए आम पानी में तैरते हैं आप सड़े हुए और अच्छे आम में आसानी से फर्क कर सकते हैं. अगर कैमिकल से पके हुए आम हैं तो वह आराम से पानी के ऊपर तैरने लगते हैं. इसे आप आराम से जान सकते हैं. साथ ही फाइटिक एसिड और मैंगो सैप ऑयल को हटाता है जो एलर्जी प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर कर सकता है और सूखे फलों के पुनर्जलीकरण को बढ़ावा देता है. डॉ सेठी ने आम खाने के बाद ब्रेकआउट के जोखिम को कम करने के लिए एक टिप शेयर की है.


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