Spinal Stroke Symptoms: ब्रेन स्ट्रोक की तरह ही स्पाइल स्ट्रोक (spinal stroke)के मामले दुनिया भर में तेजी से बढ़े हैं. जिस तरह दिमाग में ब्लड सप्लाई (blood supply) कम होने पर ब्रेन स्ट्रोक होता है, उसी तरह रीढ़ की हड्डी (spine) में ब्लड सप्लाई के प्रभावित होने पर स्पाइनल स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. स्पाइनल स्ट्रोक काफी खतरनाक होता है, इससे लकवा मार सकता है औऱ ये बीमारी जानलेवा भी साबित होती है. चलिए आज जानते हैं कि स्पाइनल स्ट्रोक क्या (what is spinal stroke)है और इसके लक्षणों (spinal stroke symptoms)को किस तरह पहचाना जा सकता है.

 

क्या है स्पाइनल स्ट्रोक     
        

आपको बता दें कि रीढ़ की हड्डी को सही तरह से कामकाज करने के लिए सही ब्लड सप्लाई की जरूरत होती है. दरअसल रीढ़ की हड्डी ही  बॉडी के बाकी पार्ट्स में नर्व इंपल्स यानी काम करने के संकेत भेजने का काम करती है. रीढ़ की हड्डी द्वारा भेजे गए संकेतों के चलते शरीर के कई काम होते हैं जैसे हाथ और पैर हिलाना और शरीर के बाकी अंगों का संचालन भी इन्हीं संकेतों से होता है. जब रीढ़ की हड्डी को सही से ब्लड सप्लाई नहीं होती तो इसके चलते उसे ऑक्सीजन की सप्लाई भी डिस्टर्ब हो जाती है. इस परेशानी को स्पाइनल स्ट्रोक के साथ साथ स्पाइन कार्ड इंफ्रेक्शन भी कहा जाता है. ब्लड सप्लाई आमतौर पर ब्लड क्लॉटिंग, चोट या ब्लीडिंग के चलते होती है. इस सप्लाई के बाधित होने से स्पाइन के ऊतकों और सेल्स को नुकसान पहुंचता है और ये सेल्स मर सकते हैं. सेल्स मरने का असर हाथ पैरों के संचालन पर पड़ता है. व्यक्ति के हाथ पैर नहीं हिलते, उसे लकवा भी मार सकता है.

 

स्पाइनल स्ट्रोक के सामान्य लक्षण          

स्पाइनल स्ट्रोक को गंभीर होने से बचाने के लिए जरूरत है कि इसके प्रारंभिक और सामान्य संकेतों को पहचान लिया जाए. स्पाइनल स्ट्रोक के शुरुआती कुछ घंटों में मरीज की मांसपेशियों में ऐंठन होने लगती है, उसे चलने में दिक्कत आने लगती है. मरीज के हाथ पैर सुन्न होने लगते हैं. वो यूरिन पर कंट्रोल खो बैठता है. ऐसी स्थिति में सांस लेने में दिक्कत होना भी स्पाइनल स्ट्रोक का एक संकेत हैं. कई मामलों में मरीज को लकवा मार जाता है और कुछ एक मामलों में मरीज की मौत भी होने का खतरा हो सकता है.

 

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