इन दिनों महिलाओं में सबसे आम बीमारी है थायरॉइड की बीमारी. थायरॉइड के कारण तनाव, चिड़चिड़ापन, मोटापा जैसी गंभीर समस्या शुरू होती है. एक बार किसी महिला को थायरॉइड हो जाए तो आने वाले समय में उन्हें दूसरी तरह की समस्याओं को झेलना भी पड़ सकता है. बढ़ते हुए वजन और मोटापा का कारण थायरॉइड की बीमारी हो सकती है. आज हम विस्तार से जानेंगे कि थायरॉइड की बीमारी क्या है? यह किस तरह से मोटापा से जुड़ा हुआ है. 


मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है थायरॉयड 


थायरॉइड ग्लैंड के निचले हिस्से में मौजूद होती है. यह देखने में बटरफ्लाई की तरह होती है. इससे टी-3, टी-4, टी एस एच हार्मोन निकलते हैं. इस हार्मोन की मात्रा यदि कम या ज्यादा होती है तो हम कई सारी बीमारियों का सामना करना पड़ता है. मेटाबोलिज्म रेट सहित शरीर के कई सारे फंक्शन को थायरॉइड प्रभावित करता है. 


हाईपर और हायपो थायरॉयडिस्म थायरॉइड


थायरॉइड का अधिक और ज्यादा निकलना दोनों ही शरीर के लिए काफी ज्यादा खतरनाक है. जब थायरॉइड ग्लैंड तेजी के साथ काम करता है तो इसमें से थायरॉइड हार्मोन काफी अधिक निकलता है. इस दौरान ग्लैंड काफी ज्यादा एक्टिव हो जाता है. इसे हाईपर थायरॉयडिसम कहते हैं. जब यह धीमी गति से काम करने लगती है तो इस दौरान थायरॉयड होर्मोन कम निकलता है. इसे हाइपोथायराइडिज्म कहते हैं. थायरॉइड की बीमारी को ऑटो इ्म्यून की बीमारी भी कहा जाता है. जब थायरॉइड ग्लैंड के फंक्शन में किसी तरह की दिक्कत होती है तो यह कई सारी समस्या शुरू करती है. इसी कारण तेजी से मोटापा बढ़ता है. 


मोटापा से जुड़ा है हाइपोथायराइडिज्म 


हाइपोथायराइडिज्म हार्मोन के कारण तेजी से मोटापा बढ़ता है. यह शरीर के मेटाबोलिक रेट को भी कम करता है. इससे व्यक्ति अंदर से कमजोर महसूस होने लगता है और वह आलस और सुस्त होने लगता है. दिन पर दिन उसकी फिजिकल एक्टिविटी भी घटने लगती है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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