पतंजलि का कहना है कि उसके वेलनेस सेंटर्स ने प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धतियों और आधुनिक विज्ञान के मिश्रण से एक नया आयाम स्थापित किया है. आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा (नैचुरोपैथी), और पंचकर्मा जैसे पारंपरिक तरीकों को वैज्ञानिक तकनीकों के साथ जोड़कर पतंजलि ने स्वास्थ्य और कल्याण के क्षेत्र में क्रांति ला दी है. कंपनी का दावा है कि उनके उत्पाद और उपचार न केवल प्रभावी हैं, बल्कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अन्य अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप भी हैं.

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कंपनी ने बताया, ''पतंजलि के हीलिंग प्रोग्राम्स का आधार आयुर्वेद और योग है, जो शरीर, मन और आत्मा के बीच संतुलन स्थापित करने पर केंद्रित हैं. उदाहरण के लिए, पंचकर्मा एक ऐसी प्रक्रिया है जो शरीर से विषाक्त पदार्थों (टॉक्सिन्स) को निकालकर ऊर्जा और मानसिक स्पष्टता को बढ़ाती है. इसके साथ ही, पतंजलि के केंद्रों में आधुनिक डायग्नोस्टिक तकनीकों का उपयोग होता है, जैसे कि माइक्रोबायोलॉजिकल और फार्मास्युटिकल टेस्टिंग, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि उपचार सुरक्षित और विश्वसनीय हों. पतंजलि के प्रयोगशालाएं NABL, DSIR और DBT जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों द्वारा प्रमाणित हैं, जो उनकी वैज्ञानिक विश्वसनीयता को दर्शाता है.''

शरीर की प्राकृतिक उपचार शक्ति को जागृत करते हैं उपचार- पतंजलि

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पतंजलि का दावा है, ''वेलनेस सेंटर्स में नैचुरोपैथी के तहत हाइड्रोथेरेपी, मड थेरेपी, और सन बाथ जैसी प्राकृतिक चिकित्साएं दी जाती हैं. ये उपचार शरीर की प्राकृतिक उपचार शक्ति को जागृत करते हैं और तनाव, मधुमेह, और जोड़ों के दर्द जैसी समस्याओं में राहत प्रदान करते हैं. इसके अतिरिक्त, योग और प्राणायाम सत्रों के माध्यम से रक्त संचार को बेहतर बनाया जाता है, जो समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है. पतंजलि का दृष्टिकोण केवल लक्षणों को दबाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बीमारी के मूल कारण को संबोधित करता है.''

कंपनी का कहना है, ''हमारे उत्पादों और उपचारों का परीक्षण देश के शीर्ष चिकित्सा और अनुसंधान संस्थानों के सहयोग से किया जाता है. उदाहरण के लिए, अश्वगंधा और त्रिफला जैसे आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों को आधुनिक शोध ने तनाव कम करने और पाचन स्वास्थ्य के लिए प्रभावी पाया है. पतंजलि ने इन पारंपरिक उपचारों को आधुनिक पैकेजिंग और वैज्ञानिक प्रमाणीकरण के साथ प्रस्तुत किया है, जिससे ये आज के समय में भी प्रासंगिक और उपयोगी बने हुए हैं.''

मानसिक और आध्यात्मिक भी होना चाहिए स्वास्थ्य- बाबा रामदेव

पतंजलि के संस्थापक स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण का मानना है कि स्वास्थ्य केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक भी होना चाहिए. उनके वेलनेस सेंटर्स में व्यक्तिगत स्वास्थ्य आवश्यकताओं के आधार पर अनुकूलित उपचार योजनाएं बनाई जाती हैं, जिसमें पोषण, योग, और जीवनशैली परामर्श शामिल हैं. यह दृष्टिकोण पर्यावरणीय जिम्मेदारी को भी बढ़ावा देता है, क्योंकि पतंजलि प्राकृतिक और जैविक उत्पादों का उपयोग करता है.