दिल का दौरा आना या फिर दिल की धड़कन का अचानक से रूक जाना, इन दोनों को ही हार्ट अटैक कहा जाता है. इस बारे में पूरी जानकारी ना होने के कारण आप अक्सर अपने दिल का ख्याल रखना भूल जाते हैं, या तो इस पर ध्यान भी नहीं दे पाते. हमेशा लोगों को यह कहते सुना होगा कि 70 साल की उम्र में भी डाॅक्टर या अस्पताल का चेहरा नहीं देखा. यही गलती बहुत बड़ी कारण बन सकती है. इस बिमारी के बारे में जब तक पता चलता है तब तक काफी देर हो जाती है. इसका पछतावा आपको भी ना हो इसलिए सही समय पर इसका इलाज शुरू कर दें.


35 से 36 उम्र वाले लोग
अगर आप 35 से 36 साल की उम्र के हैं तो आपको बता दें कि आप सबसे ज्यादा खतरे में हैं. जी हां, डाक्टर्स की सलाह माने तो 35 की उम्र के ज्यादा के पुरुष और 40 की उम्र से ऊपर की महिलाएं अपने दिल की जांच हर साल करानी चाहिए. अगर परिवार में किसी को दिल की बिमारी है तो आपको सलाह दी गई है कि आप 25 साल की उम्र में ही अपने पूरे शरीर का रेगुलर जांच कराते रहे.  


इन्हें ना करें इग्नोर
सीने में दर्द
बांह में कोई कंपन महसूस ना होना
सिर में दर्द रहना
कमजोरी महसूस होना


जांच के प्रकार


EKG, ECG (Electrocardiogram) और Ecocardiogram आपके दिल की गहराई से जांच करती है. यह आपके हार्ट फेलियर के रिस्क को कम करती है. एंजियोग्राफी से भी डाॅक्टर्स आपके दिल की जांच करते हैं.


डाॅक्टर से कब कब मिले
अगर आपके सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, बांए हाथ में दर्द या कोई कंपन महसूस नहीं होना, अधिक पसीना आना यह सभी लक्षण हैं तो आप अपने नजदिकी डाॅक्टर या अस्पताल में जरूर संपर्क करें.  


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.


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