हमारी रसोईघर में मौजूद कई मसाले औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. आजकल एसिडिटी, पेट दर्द, पेट फूलना जैसी समस्याएं बहुत आम हो गई हैं. जैसे ही हम कुछ ज्यादा मसालेदार खाना खाते हैं वैसे ही  खट्टे डकार आना, अपच आदि का समस्या होने लगती है. ऐसे में हमारी रसोई में मौजूद मसाले इन समस्याओं को दूर करने में मददगार साबित होते है. इन मसालों में पाए जाने वाले गुण पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में सहायक होते हैं और एसिडिटी को कम करने में फायदेमंद होते हैं. आइए जानते हैं उन मसालों के बारे में...


जीरा पाउडर 
जीरे में मौजूद जिंजरॉल और अन्य यौगिक पाचन तंत्र को उत्तेजित करते हैं जिससे भोजन का पाचन बेहतर होता है. यह अपच को रोकने में मदद करता है. यही नहीं जीरा पाचन एंजाइमों का स्राव बढ़ाता है जो भोजन को पचाने में मदद करते हैं. इसमें कैर्मिनेटिव गुण होते हैं जो एसिड का उत्पादन कम करते हैं और पेट को ठंडा रखते हैं. इससे एसिडिटी कम होती है. जीरे का काढ़ा पीने से पेट साफ होता है और गैस समस्या दूर होती है जो एसिडिटी का कारण बनती है. 


अदरक
अदरक में जिंजरॉल नामक यौगिक होता है जो पाचन में मदद करता है और एसिडिटी को कम करता है. अदरक के एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण पेट की लाइनिंग की सूजन को कम करते हैं जिससे एसिड उत्पन्न होने में कमी आती है. इसकी चाय पीने से पाचन में सुधार होता है और गैस बनने में कमी आती है जो एसिडिटी का कारण बनती है. अदरक का पानी या चाय बनाकर पी सकते हैं.


इलायची
इलायची में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं जो एसिडिटी और पेट दर्द से राहत दिलाते हैं. इलायची वाली चाय पीने से लाभ होता है. 


अजवाइन 
अजवाइन में एंटी-एसिड गुण होते हैं जो पेट में एसिड के प्रभाव को कम करते हैं और झिल्लियों की सूजन को दूर करते हैं. यही नहीं अजवाइन में कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे खनिज पाए जाते हैं जो एसिडिटी कम करने में मदद करते हैं. अजवाइन का पानी पीने से गैस की समस्या में आराम मिलता है. 


हींग 
हींग में एंटी-एसिड गुण होते हैं जो पेट में एसिड का प्रभाव कम करते हैं यही नहीं  हींग पाचन तंत्र को शांत करता है और झिल्लियों की सूजन कम करता है जिससे एसिडिटी में राहत मिलती है.  हींग में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो हेलिकोबैक्टर पाइलोरी जैसे बैक्टीरिया को नष्ट करते हैं जो एसिडिटी का कारण बनते हैं.  हींग को पानी पीने से एसिडिटी में लाभ मिलता है.