Home Fertility Test Kits: भारत इस समय दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाले देशों में से एक है. लेकिन भारत में लगातार घटती फर्टिलिटी रेट चिंता का विषय बनी हुई है. देश के कई राज्यों के सीएम लोगों से ज्यादा बच्चे पैदा करने की अपील कर रहे हैं. पिछले कुछ दशकों में भारत का फर्टिलिटी रेट लगातार गिरा है. UNFPA की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में फर्टिलिटी रेट अब घटकर 1.9 बच्चे प्रति महिला रह गया है और जबकि देश में आबादी को स्थिर रखने के लिए रिप्लेसमेंट स्तर 2.1 होना चाहिए. इसका मतलब यह है कि देश में औसतन महिलाएं दो से कम बच्चों को जन्म दे रही हैं. चलिए आपको बताते हैं कि आप घर पर कैसे चेक कर सकते हैं कि आपकी फर्टिलिटी रेट कितनी कम हो गई है.

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घर पर कैसे चेक कर सकते हैं फर्टिलिटी रेट?

सबसे पहले जो बात आपको समझना चाहिए, वह है कि फर्टिलिटी सिर्फ देश का मसला नहीं है, आपका अपना पर्सनल मसला भी हो सकता है. यह पर्सनल लेवल पर भी जाना जा सकता है कि इससे महिला या पुरुष कितना प्रभावित है और उसकी प्रजनन क्षमता कितनी है. चलिए आपको कुछ उपाय बताते हैं, जिनको अपनाकर आप घर पर ही फर्टिलिटी को चेक कर सकते हैं.

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महिलाओं में फर्टिलिटी रेट चेक करने का तरीका

इसमें ओव्यूलेशन प्रिडिक्टर किट का नाम पहले नम्बर पर आता है. यह आपके यूरिन में ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन का लेवल चेक करती है. Mayo Clinic Health System के अनुसार, LH का लेवल बढ़ना ओव्यूलेशन का संकेत होता है, जो प्रजनन क्षमता का सबसे बेस्ट टाइम बताता है. इसके अलावा बेसल बॉडी टेम्परेचर ट्रैकिंग के जरिए भी आप फर्टिलिटी रेट चेक कर सकते हैं. इसमें आपको सुबह उठने से पहले अपने बॉडी का तापमान मापना होता है. ओव्यूलेशन के बाद शरीर के तापमान में बदलाव होता है. सेरविकल म्यूकस की जांच के जरिए भी आप फर्टिलिटी का पता लगा सकते हैं. इसमें होता यह है कि ओव्यूलेशन के समय सर्वाइकल म्यूकस ट्रांसपेरेंट, चिपचिपा और खिंचने योग्य हो जाता है, बिल्कुल अंडे की सफेदी जैसा होता है.

पुरुषों के लिए उपाय

महिलाओं की तरह पुरुष भी फर्टिलिटी रेट को चेक कर सकते हैं. इसके लिए वे सीमन एनालिसिस किट का सहारा ले सकते हैं. इसमें स्पर्म की क्वालिटी, उनकी संख्या, उनकी गति और उनके शेप के बारे में पता चल जाता है. हालांकि इस दौरान यह ध्यान रखना चाहिए, चाहे वह महिला हो या पुरुष, घर पर उपलब्ध किट्स और नैचुरल तरीके आपको शुरुआती जानकारी तो दे सकते हैं, लेकिन पक्का निदान और इलाज के लिए डॉक्टर से मिलना ही सबसे जरूरी कदम है.

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.