होम्योपैथी एक पुरानी इलाज का तरीका है. जिसमें स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं का इलाज किया जाता है. यह आज के जमाने के मॉर्डन मेडिसिन सिस्टम से पूरी तरह से अलग तरीका है. होम्योपैथिक इलाज में शरीर को ऐसा तैयार किया जाता है ताकि यह खुद से बीमारी को ठीक कर दे. ऐेसे में सवाल यह उठता है कि यह एलोपैथी से एकदम अलग है तो क्या होम्योपैथी दवाई खाने से शरीर पर साइड इफेक्ट्स होते हैं?
होम्योपैथिक दवा खाने से साइड इफेक्ट्स भी होते हैं क्या?
होम्योपैथिक दवा का कोई साइड इफेक्ट्स तो नहीं है बल्कि यह एक ऐसा इलाज जिसके दौरान बीमारी को जड़ से खत्म करने की कोशिश की जाती है. इसमें बीमारी के लक्षणों को जानने की बाद ही उसकी दवाई दी जाती है. जब भी आप किसी बीमारी में होम्योपैथी के डॉक्टर के पास जाएंगे तो वह बीमारी के लक्षणों के बारे में बात करते हैं फिर उसी आधार पर दवा देते हैं. इस चिकित्सा पद्धति इस्तेमाल भारत, इंग्लैंड और यूरोपियन देशों में किया जाता है.
होम्योपैथिक की दवा में एक सही मात्रा में दवा दी जाती है जिसके कारण शरीर पर इससे कोई नुकसान नहीं होता न ही शरीर के किसी अंग पर भी इसका असर पड़ता है. इसका शरीर पर टॉक्सिक असर भी कम पड़ता है. इस दवा को बनाते वक्त किसी कैमिकल फ्लेवर, कलर का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. इस वजह से यह सुरक्षित होता है.
किसी भी उम्र के लिए यह सुरक्षित है
होम्योपैथिक की दवा किसी भी उम्र के लोगों के लिए सुरक्षित है. यह आप बच्चे से लेकर बुजुर्ग को भी दे सकते हैं. साथ ही यह दवा गर्भवती महिलाएं भी समय-समय पर ले सकती है. हालांकि प्रेग्नेंसी के दौरान अगर आप होम्योपैथिक दवा लेने की सोच रहे हैं तो उससे पहले आपको एक बार अपने डॉक्टर से जरूर बात कर लेनी चाहिए.
जड़ से इलाज
होम्योपैथिक दवा, एलोपैथिक दवा कि तरह किसी बीमारी को दबाती नहीं है बल्कि जड़ से खत्म करने पर विश्वास करती है. इसमें रोग से पीड़ित व्यक्ति को ठीक करने की पूरी क्षमता है लेकिन थोड़ा वक्त ज्यादा लग सकता है. बड़ी और गंभीर बीमारी के इलाज में साल- 6 महीने का वक्त लग सकता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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