भारत के ज्यादातर घरों में खाना सिर्फ पेट भरने का जरिया नहीं होता, बल्कि यह परंपरा और प्यार का प्रतीक होता है. हालांकि, देश में तेजी से बढ़ रहे डायबिटीज मामलों के बीच अब यह सवाल भी उठने लगा है कि क्या रोटी-सब्जी की थाली ही शुगर बढ़ने का कारण बन रही है? वहीं कई लोग डॉक्टर के पास जाकर गर्व से कहते हैं कि अब हम चावल नहीं सिर्फ ओट्स या दलिया जैसी हेल्दी चीज खाते हैं, लेकिन क्या सिर्फ ऐसा करना ही काफी है? चलिए आज जानते हैं कि रोजमर्रा की खानपान की आदतें कैसे हमारी गट हेल्थ को प्रभावित करती हैं और क्या सिर्फ रोटी और सब्जी खाने से ही शुगर बढ़ सकती है.
रोज के खाने से कैसे बढ़ता है शुगर?
हमारा भारतीय खाना देखने में तो बहुत साधारण लगता है, लेकिन इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. खासकर सफेद चावल, रिफाइंड आटे की रोटियां, तली हुई सब्जियां और मीठी चाय में इसकी मात्रा बहुत ज्यादा होती है. इन सभी साधारण से दिखने वाले खाने में फाइबर और प्रोटीन की कमी होती है, जिससे ब्लड शुगर तेजी से बढ़ सकता है. खासकर शहरों में जहां लोगों की लाइफस्टाइल ज्यादातर बैठकर काम करने वाली है, वहां यह समस्या और गंभीर हो जाती है. इसके साथ ही मोटापा और तनाव का बढ़ना शरीर के मेटाबॉलिज्म और गट हेल्थ दोनों पर नकारात्मक असर डालता है.
क्या रोटी सब्जी भी है नुकसानदायक?
घरों में खाई जाने वाली रोटी और सब्जी से भी शुगर बढ़ सकता है. हालांकि, रोटी-सब्जी अपने आप में बुरी नहीं है, लेकिन फर्क इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसे कैसे खा रहे हैं. अगर आपकी खाने की थाली में संतुलन रखा जाए यानी दो रोटियां के साथ एक कटोरी दाल, पर्याप्त सब्जियां और थोड़ा दही या पनीर रखा जाए तो यह बहुत हेल्दी कॉम्बिनेशन हो सकता है. वहीं रिफाइंड गेहूं की जगह बाजरा, ज्वार या मल्टीग्रेन आटा इस्तेमाल करने से भी शुगर कंट्रोल में रहता है.
डायबिटीज में गट की भूमिका
डॉक्टरों के अनुसार, हमारा पेट यानी गट जिसे सेकंड ब्रेन भी कहा जाता है यह शुगर कंट्रोल में बड़ी भूमिका निभाता है. इसमें मौजूद बैक्टीरिया कार्ब्स को तोड़ने सूजन कम करने और मेटाबॉलिज्म को सुधारने में मदद करते हैं. जब हम तनाव में रहते हैं या ज्यादा प्रोसेस्ड फूड खाते हैं तो यह बैलेंस बिगड़ जाता है. जिससे इसका सीधा असर ब्लड शुगर पाचन और वजन पर पड़ता है.
डायबिटिक पेशेंट्स किन बातों का रखें ध्यान?
शुगर को कंट्रोल करने के लिए डायबिटीज पेशेंट्स सुबह की शुरुआत गुनगुने पानी और भीगे हुए मेवों से कर सकते हैं. इसके अलावा डायबिटिक पेशेंट्स को शुगर कंट्रोल रखने के लिए खाना खाने के बाद 10 से 15 मिनट टहलना चाहिए. वहीं मीठी चाय, मिठाई और शुगर से जुड़े चीजों से परहेज करना चाहिए. इसके अलावा डायबिटिक पेशेंट्स को तनाव कम करने की कोशिश भी करनी चाहिए, क्योंकि तनाव ब्लड शुगर पर सीधा असर डाल सकता है.
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