बच्चों में तेजी से फैल रही ये बीमारी, कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक...दिखें ये लक्षण तो तुरंत जाएं हॉस्पिटल
कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं बच्चों में एक अलग तरह की बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं. आइए जानते हैं क्या है वह बीमारी...
एक तरफ देश में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं दूसरी ओर बच्चों में एक अलग ही तरह की बीमारी के लक्षण देखने को मिल रहे हैं. जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है बच्चों के उल्टी और पेट खराब होने की शिकायत बढ़ती ही जा रही है. हॉस्पिटल के ओपीडी में रोजाना छोटे बच्चे इसी शिकायत के साथ पहुंच रहे हैं. एक तरफ कोरोना के हल्के लक्षणों वाले मरीज घर पर ही ठीक हो जा रहे हैं. वहीं ऐसे बच्चे की तादाद दिन पर दिन बढ़ रही है. जिन्हें उल्टी और दस्त की समस्या है. इन बच्चों की हालत इतनी ज्यादा खराब हो जा रही है कि इन्हें हॉस्पिटल में एडमिट करवाया जा रहा है.
नेटवर्क 18 में छपी खबर के मुताबिक यह कोई गंभीर बीमारी नहीं लेकिन सीजनल बीमारी है. हॉस्पिटल की ओपीडी में जो भी बच्चे उल्टी और पेट खराब के साथ खांसी और बुखार की वजह से आ रहे हैं. वह कोरोना पॉजिटिव नहीं है. इनमें अधिकांश वायरल फीवर के मरीज है.
पेरेंट्स क्या करें
कटे हुए फल न खिलाएं
बच्चों को इस मौसम में भूल से भी घंटों पहले कटे हुए फल न खिलाएं. खासकर जूस वाले फल और तरबूज से एकदम दूर रखें.
मार्केट से आए फल को तुरंत काटकर बच्चों को न दें
इस बदलते मौसम में कोई भी फल लेकर मार्केट से आएं तो तुरंत काटकर बच्चों को न दें बल्कि उसे पानी में थोड़ी देर रहने दें.
गंदा पानी पीने के लिए न दें
बच्चों को साफ पानी दें गंदा पानी भूल से भी पीने के लिए न दें. इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि बच्चों को साफ और फिल्टर किया हुआ पानी ही दें. पानी को उबालकर और ठंडा करने के बाद ही दें.
बच्चों को बाहर न निकालें
अप्रैल के महीने में दोपहर के समय गर्मी तेज पड़ रही है. उस समय बच्चे को ठंडक में रखें. बाहर न लेकर जाएं या न निकलने दें. बाहर लेकर जाएंगे तो बच्चों का टेंपरेचर बढ़ेगा इससे उनकी तबीयत खराब हो जाएगी.
बाहर से तुंरत आकर एसी में न बैठे
बाहर से तुरंत आकर एसी में खुद भी न बैछें और न ही बच्चे को बैठाएं. सीधे धूप से एसी में आकर बैठना आपके हेल्थ के लिए नुकसानदायक हो सकता है.
एसी का कम इस्तेमाल करें
कोशिश करें कि एसी का कम इस्तेमाल करें. दोपहर के वक्त एसी का यूज करें. और सुबह और शाम के वक्त पंखा में रहें. इससे आपके और आपके बच्चे दोनों का हेल्थ अच्छा रहेगा.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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