Corona New Subvarient BA.2.38: GISAID एक ग्लोबल एजेंसी है जिसके पास कोरोना केस केस डेटा है और इस एजेंसी को इंडिया से पिछले 4 हफ्ते में जो सैंपल में मिले उसमें 99.6% केस ओमिक्रोन और उसके सब-वेरियेंट BA.2 के थे. माना जा रहा है कि अगला कोरोना वेरियेंट यही होगा. जानिए क्या हैं इस वेरियेंट के लक्षण और कितना खतरनाक है ये सब-वैरिएंट.
पूरे देश में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं. अकेले महाराष्ट्र में एक दिन में 5,218 केस सामने आये हैं ,जो फरवरी से बाद एक दिन में आने वाले सबसे ज्यादा केस हैं. राज्य में इस वक्त 25 हजार से ज्यादा एक्टिव केस हैं. हालांकि मरीजों की हालत गंभीर नहीं है और 95% केस एसिंप्टमेटिक हैं. मुंबई और पुणे में कोरोना से संक्रमित होने वाले मरीजों में BA.2.38 स्ट्रेन पाया गया है. हालांकि इसके राहत की बात ये है कि ये वेरिएंट ज्यादा खतरनाक नहीं है. हालांकि इन बढ़ते केस पर एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये कोरोना की चौथी लहर का इंडिकेशन है. मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में epidemiologist और pulmonologist डॉक्टर लैंसलोट पिंटो कोरोना पर ये अपडेट दिया.
क्या है BA.2.38 के लक्षण
इस वेरिएंट के लक्षण भी ऑलमोस्ट ओमिक्रॉन जैसे हैं. इस वेरिएंट में भी बुखार, गला खराब, कंजेशन शरीर में दर्द हो सकता है. साथ ही टेस्ट चला जाना, माइल्ड खांसी भी इसके लक्षणों में शामिल है. किसी किसी को डायरिया भी हो सकता है, लेकिन पिछले वेरिएंट के मुकाबले ये लक्षण बहुत कम देखने को मिल रहे हैं. बाकी ये लक्षण 4-5 दिन तक रह सकते हैं.
कितना खतरनाक है BA.2.38 वेरिएंटअगर आपको पहले कोविड हो चुका है और वैक्सीन ले रखी है तब भी इस वायरस की चपेट में आ सकते हैं. इसी वजह से कोरोना के नये केस सामने आ रहे हैं हालांकि वैक्सीन और पहले कोरोना होने की वजह से इस वायरस का असर उतना नहीं है और मरीजों को माइल्ड सिंप्टम ही हैं, लेकिन ओमिक्रोन की तरह ये वेरिएंट भी वैक्सीन के बाद भी लोगों को चपेट में ले रहा है.
वैक्सीन से कितना फायदाडॉक्टर लैंसलोट पिंटो का कहना है कि वैक्सीन से पूरी तरह से कोविड पर रोक नहीं लग सकती, लेकिन दोनों डोज और बूस्टर लेने से इम्यूनिटी बढ़ती है और उसी वजह से अब केस माइल्ड हैं. हालांकि वैक्सीन हर इंसान की इम्यूनटी पर अलग तरह का प्रभाव डालती है, लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि वैक्सीन की वजह से इसके हल्के लक्षण आ रहे हैं.
डॉक्टर का ये भी कहना है कि जो मरीज अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं, उनकी एक वजह सिर्फ कोविड नहीं बल्कि कई दूसरी बीमारियां हैं, जिनकी वजह से उनको कोविड इंफेक्शन नुकसान पहुंचा सकता है अगर किसी को कोई क्रॉनिक बीमारी है. शुगर, हाई बीपी या हार्ट डिजीज है और उसे कोविड इंफेक्शन होता है तो उसे हल्के में ना लिय जाये और प्रॉपर डॉक्टर कंसल्टेशन के साथ जरूरी हो तो हॉस्पिटलाइज भी कराया जाए.