भारत में 10 करोड़ से ज्यादा लोग डायबिटीज यानी मधुमेह की बीमारी से पीड़ित हैं, जिनमें करीब 10 लाख लोग टाइप 1 डायबिटीज से बीमार हैं, जिन्हें सबसे ज्यादा इंसुलिन की जरूरत पड़ती है. टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित लोगों के साथ साथ टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के ट्रीटमेंट में भी इंसुलिन की जरूरत होती है. डायबिटीज भारत में सबसे तेजी से फैलती बीमारी है, जो देश के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है. टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित लोगों को इंसुलिन की सख्त जरूरत होती है. इंसुलिन का इस्तेमाल डायबिटीज मरीजों के ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है. हम सभी को पता है कि इंसुलिन मरीजों को इंजेक्शन की मदद से शरीर में इंजेक्ट की जाती है, जो डायबिटीज मरीजों के शुगर लेवल को कंट्रोल या संतुलित करती है. इसी इंजेक्ट करने वाली प्रक्रिया में बदलाव करते हुए Cipla नाम की विख्यात दवा कंपनी ने इन्हेल्ड इंसुलिन को मार्केट में लाने की घोषणा की है, जिससे अब इंसुलिन को मरीज के शरीर में सांस के जरिए पहुंचाया जा सकता है.
Cipla भारत में लॉन्च करेगी इन्हेल्ड इंसुलिन
Cipla नाम की मशहूर दवा कंपनी ने भारत में डायबिटीज के मरीजों के लिए एक अहम कदम उठाया है, जिसमें डायबिटीज के इलाज के लिए दी जाने वाली इंसुलिन, जो मरीज के शरीर में इंजेक्शन के माध्यम से दी जाती थी, उस प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करते हुए ‘अफ्रेजा’ (Afrezza) नाम की रैपिड एक्टिंग इन्हेल्ड इंसुलिन पाउडर को भारतीय मार्केट में उतारने की घोषणा कर दी है, जिससे उन मरीजों को राहत मिलेगी, जो इंजेक्शन या सुई से परहेज करते हैं या डरते हैं. अब डायबिटीज से पीड़ित लोग मात्र इंसुलिन पाउडर को इन्हेल कर सांसों के जरिए अपने शरीर में पहुंचा सकते हैं.
कंपनी को मिली मंजूरी
कंपनी ने जानकारी देते हुए कहा है कि उन्हें रैपिड एक्टिंग इन्हेल्ड इंसुलिन पाउडर की मंजूरी पिछले साल सरकारी दवा संस्था Central Drugs Standard Control Organisation (CDSCO) से मिल गई है, जिससे वह जल्द से जल्द इस नए प्रकार की इंसुलिन को भारत के बाजार में उतार सकते हैं और इसका प्रचार भी कर सकते हैं. कंपनी के अनुसार, यह इंसुलिन डायबिटीज के मरीजों पर तेजी से असर दिखाती है.
कैसे इस्तेमाल होती है इन्हेल्ड इंसुलिन?
Afrezza नाम की रैपिड एक्टिंग इन्हेल्ड इंसुलिन पाउडर एक खास सिंगल उपयोग कार्ट्रिज से एक छोटे इन्हेलर के माध्यम से इस्तेमाल की जा सकती है, जिसे डॉक्टर ने जो आपको इंसुलिन की क्वांटिटी बताई है, उसी के अनुसार अपनी डोज को इन्हेलर में लगाकर सीधे सांस के जरिए शरीर में दाखिल किया जा सकता है. Cipla के ग्लोबल चीफ डायरेक्टर के अनुसार, इस नई इंसुलिन के जरिए लोगों को रोजाना इंजेक्शन की दर्द भरी प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा.
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