नॉर्थ इंडिया में हल्की सर्दी की शुरुआत हो चुकी है. सर्दी, ठंडी हवाओं के साथ-साथ अपने साथ कई सारी बीमारियां लेकर आती है. ठंड के मौसम में बूढ़े-बुजुर्ग को कई बार सीने में तकलीफ की शिकायत होती है. जो कई बार काफी ज्यादा हानिकारक होता है. लेकिन क्या होगा जब हम आपको यह कहें कि यह दिल का दौरा पड़ने के शुरुआती संकेत भी हो सकते हैं. कुछ विशेषज्ञों और रिसर्चर ने पाया कि सर्दियों में दिल का दौरा पड़ने का जोखिम दोगुना बढ़ जाता है.


सर्दियों में इस वजह से पड़ता है दिल का दौरा


दिल का दौरा पड़ने को जिसे मायोकार्डियल इनफारकेशन भी कहा जाता है. यह तब होता है जब हृदय की मांसपेशियों को ठीक से ब्लड नहीं मिल पाता है. जब लंबे समय तक ब्लड, मांसपेशियों तक पहुंच नहीं पाता है तो दिल की मांसपेशियों को नुकसान होता है, जिसकी वजह से दिल का दौरा पड़ सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि साल 2019 में हृदय रोगों (सीवीडी) से अनुमानित 1.79 करोड़ मौतों में से 85% दिल का दौरा और स्ट्रोक के कारण हुईं.


अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (एएचए)


अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (एएचए) द्वारा साझा की गई एक रिपोर्ट के अनुसार सर्दियों की छुट्टियों का मौसम साल के किसी भी अन्य समय की तुलना में दिल के दौरे से होने वाली मौतों में अधिक योगदान देता है. जर्नल सर्कुलेशन में प्रकाशित एक अध्ययन का हवाला देते हुए, एएचए ने बताया कि वर्ष के किसी भी अन्य दिन की तुलना में 25 दिसंबर को अधिक हृदय संबंधी मौतें होती हैं. हृदय संबंधी मौतों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या 26 दिसंबर को होती है, और तीसरी सबसे बड़ी संख्या 1 जनवरी को होती है.


सर्दियों के दौरान अधिक दिल का दौरा क्यों पड़ता है?


सर्दियों में अधिक दिल का दौरा पड़ने का कोई सटीक कारण का पता तो नहीं चल पाया है. लेकिन इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण ठंडी हवा हो सकती है. इस दौरान ब्लड सर्कुलेशन सिकुड़ने लगता है. और बीपी बढ़ जाता है. बीपी बढ़ने के कारण दिल के ऊपर भी बहुत अधिक दबाव पड़ता है. 


सर्दियों की तुलना कई बार स्ट्रेस, इमोशनल स्ट्रेस से जोड़कर देखा गया है. जिसके कारण दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है. 


सर्दियों में ठंडी हवा के कारण लोग बाहर कम निकलते हैं जिसके कारण एक्टिवीटि बाकी मौसम के मुकाबले कम होने लगती है. संभावित वजन बढ़ जाता है. और दिल की हेल्थ खराब होने लगती है. 


जबकि सीने में दर्द दिल के दौरे का एक लक्षण हो सकता है:


एसिड रिफ्लक्स या हार्टबर्न जो सीने में जलन पैदा कर सकता है. दिल के दौरे के समान लक्षणों की नकल करता है.


ब्रोंकाइटिस या निमोनिया जैसे संक्रमण, जो फेफड़ों की सूजन के कारण सीने में दर्द का कारण बन सकते हैं.


दिल के दौरे को सामान्य सीने के दर्द से अलग करने के लिए, अन्य लक्षणों और विशिष्ट विशिष्ट विशेषताओं को देखना महत्वपूर्ण है. दिल का दौरा पड़ने की स्थिति में, आपको यह भी अनुभव हो सकता है.


सीने में असहनीय दर्द, जो अक्सर बाईं बांह, गर्दन या जबड़े तक फैलता है


सांस फूलना, सीने में जकड़न या परिपूर्णता की अनुभूति के साथ


पसीना और दिल की धड़कन.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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