लंदनः आकर्षक दिखने के लिए अमूमन लोग बैली फैट घटाने लिए की कोशिश करते हैं लेकिन एक नए शोध में इस बात का खुलासा हुआ है कि बैली फैट मीनोपोज में कैंसर बढ़ाने का कारक हो सकता है.
क्या कहती है रिसर्च- रिसर्च के मुताबिक, मीनोपोज से गुजर रहीं या गुजर चुकीं महिलाओं को न केवल आकर्षक दिखने के लिए बल्कि हेल्दी रहने के लिए भी बैली फैट कम करना चाहिए.
क्या कहते हैं शोधकर्ता- डेनमार्क आधारित बायोटेक्नोलॉजी कंपनी नॉर्डियक बायोसाइंस के शोधार्थी मेकस्क ने बताया कि यह अध्ययन इस आयु वर्ग की महिलाओं के लिए वजन कंट्रोल करने पर एक नई बहस छेड़ता है, क्यूंकि इस उम्र में पेट में वसा एकत्र होने की संभावना बहुत अधिक होती है. उन्होंने कहा कि पेट में वसा के जमाव को रोकना ही इस खतरे से बचने का बेहतर उपाय है.
इस शोध के लिए शोधकर्ताओं के एक समूह ने औसतन 71 वर्ष की 5,855 महिलाओं पर अध्ययन किया था.
रिसर्च के नतीजे- रिसर्च के निष्कर्ष बताते हैं कि फेंफड़ों और गैस्ट्रोइंटेस्टाइलन (जीआई) जैसे कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए बैली फैट कम होना चाहिए. यह शोध मैड्रिड में यूरोपीयन सोसाइटी फॉर मेडिकल ओन्कोलॉजी (ईएसएमओ) 2017 कांग्रेस में पेश किया गया.
नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.