दही शरीर को ठंडक पहुंचाता है. गर्मी में इसका सेवन करना फायदेमंद होता है. शरीर में डाइजे​स्टिव सिस्टम के लिए अच्छा होता है. लोगों के मन में दही को लेकर ये धारणा आम है. लेकिन आयुर्वेद कुछ और ही कहता है. जानकारों की मानें तो दही की तासीर ठंडी नहीं ब​ल्कि गर्म होती है. गर्मी में इसका सेवन शरीर को फायदा नहीं, ब​ल्कि नुकसान पहुंचाता है. आयुर्वेद में दही का सेवन किस तरह बताया गया है. आइए जानते हैं...

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दही की तासीर होती है गर्म

आयुर्वेद के जानकारों की मानें तो दही को उष्ण कहा जाता है. यानी इसकी तासीर गर्म होती है. आयुर्वेद के अनुसार दही बहुत गर्म होता है. ये शरीर में पित्त और कफ दोनों दोषों को बढ़ाता है. कफ में वृद्धि से बाॅडी में फैट जमा होने के साथ इंफ्लेमेशन की दिक्कत देखने को मिल सकती है. वहीं पित्त बढ़ने का असर ​​स्किन और बालों पर देखने को मिलता है. इससे बाल सफेद होने की प्राॅब्लम देखने को मिल सकती है. गर्मी से रैशेज देखने को मिल सकते हैं.

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ये लोग बरतें सावधानी

अगर मोटापे से जूझ रहे हैं. डेली रूटीन में फिजिकल ए​क्टिविटी की कोई जगह नहीं है. डाइजेशन प्राॅब्लम का सामना कर रहे हैं. इन ​स्थितियों में दही के सेवन से बचना चाहिए. आयुर्वेद के जानकारों की मानें दही पचाने में बहुत भारी होता है.​ शरीर ​में पित्त दोष बढ़ने के साथ फैट जमा हो सकता है. ऐसे में फिजिकल ए​क्टिविटी न करने वाले लोगों को इसे डाइट में शामिल करने से बचना चाहिए.

तो क्या दही खाना छोड़ देना चाहिए?

दही के अगर इतने सारे नुकसान हैं तो क्या दही खाना छोड़ देना चाहिए, ये ख्याल दिगाम में आ सकता है. जानकारों की मानें तो ऐसा नहीं है कि दही का सेवन शरीर के लिए बुरा है. बस दही का सेवन किस तरह करना है, इसका ध्यान रखने की जरूरत है. आइए जानते हैं दही का सही तरह से सेवन कैसे करें...

  • गर्मियों में न खाएं: पित्त दोष को बढ़ने से रोकने के लिए गर्मी के मौसम में दही खाने से बचना चाहिए. इसकी जगह अन्य ठंडे पदार्थों का सेवन गर्मी में करना उचित रहता है.
  • फ्रिज का ठंडा दही: दही को खट्टा होने से बचाने के लिए अक्सर इसे फि्रज में रख दिया जाता है. लेकिन फि्रज का ठंडा दही खाने से बचने की सलाह दी जाती है. ये बाॅडी में डाइजेशन को धीमा कर सकता है. इससे बचने के लिए खाने से कुछ देर पहले ही दही को फि्रज से बाहर निकालकर रख दें. जिससे ये रूम टेम्प्रेचर पर आ सके.
  • छाछ: दही को छाछ में बदल दें. ये आसानी से डायजेस्ट करने के साथ अ​धिक फायदेमंद साबित हो सकता है.
  • फल या मीट: दही फल या मीट के साथ न खाएं. इससे पेट की समस्या हो सकती है.
  • रात में दही का सेवन: इससे बचना चाहिए. डाइजेशन बिगड़ सकता है. नींद आने में दिक्कत हो सकती है.

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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.