Weight Loss Therapy: आजकल लोग  वजन कम करने के लिए लोग कई तरह के उपाय अपनाते हैं, डाइट, एक्सरसाइज से लेकर दवाओं और इंजेक्शन तक. पिछले कुछ सालों में GLP-1 इंजेक्शन जैसे सेमाग्लूटाइड और लिराग्लूटाइड  तेजी से लोकप्रिय हुए हैं. हॉलीवुड से लेकर भारत तक, कई लोग इन दवाओं का इस्तेमाल वजन घटाने के लिए कर रहे हैं. लेकिन क्या यह सचमुच पूरी तरह सुरक्षित हैं?

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हाल की रिसर्च और डॉक्टरों की राय बताती है कि इनके फायदे तो हैं, लेकिन जोखिम भी कम नहीं. चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं कि यह आपके लिए कैसे खतरनाक है और डॉक्टर इसको लेकर क्या कहते हैं. 

कैसे काम करते हैं ये इंजेक्शन?

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GLP-1 इंजेक्शन शरीर में भूख को कंट्रोल करते हैं और ब्लड शुगर को मैनेज करने में मदद करते हैं. इन्हें पहले डायबिटीज के इलाज के लिए मंजूरी मिली थी, लेकिन बाद में पाया गया कि यह वजन कम करने में भी कारगर हैं. यही कारण है कि मोटापा या ओवरवेट की समस्या से जूझ रहे लोग बड़ी संख्या में इनका इस्तेमाल करने लगे हैं.

फायदे क्या हैं?

  • कई क्लिनिकल ट्रायल्स में पाया गया कि सेमाग्लूटाइड लेने वाले मरीजों का वजन 15-20 प्रतिशत तक कम हुआ.
  • अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन दवाओं ने हृदय रोग (हार्ट अटैक, स्ट्रोक) का खतरा भी घटाया है.
  • मोटापे के साथ जुड़े डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल पर भी इनका पॉजिटिव असर देखा गया है.

 कितना होता है खतरा?

हर चीज के दो पहलू होते हैं, फायदे और नुकसान. इसके फायदे बड़े हैं, लेकिन रिसर्च और रिपोर्ट्स ने इनके साइड इफेक्ट्स को भी उजागर किया है.

किडनी पर असर- कुछ केस रिपोर्ट्स में पाया गया कि जिन मरीजों को पहले से किडनी की समस्या थी, उनमें इंजेक्शन लेने के बाद तेजी से किडनी फेल होना जैसी स्थिति पैदा हुई.

लीवर और पैनक्रियाज- दवा के दौरान लगातार मतली, उल्टी और दस्त जैसे लक्षण आम हैं. वहीं, कुछ मरीजों में पैनक्रिएटाइटिस और गॉलब्लैडर की समस्या रिपोर्ट हुई है.

हार्ट- आमतौर पर इनका हृदय पर सकारात्मक असर माना गया है, लेकिन दवा-इंटरैक्शन और व्यक्तिगत हिस्ट्री के कारण कुछ लोगों में रिस्क भी बढ़ सकता है.

डॉक्टर क्या कहते हैं?

नई दिल्ली स्थित एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉ. राजीव सिंगला के अनुसार, “वेट-लॉस इंजेक्शन कई मरीजों के लिए कारगर साबित हुए हैं. लेकिन यह किसी भी हालत में ‘सेल्फ-ट्रायल’ वाली दवा नहीं है. जिन लोगों को पहले से किडनी, लिवर या पैनक्रियास की बीमारी है, उन्हें डॉक्टर की निगरानी के बिना यह इंजेक्शन नहीं लेना चाहिए. दवा शुरू करने से पहले बेसलाइन ब्लड टेस्ट जैसे किडनी फंक्शन, लिवर फंक्शन और ब्लड शुगर जरूर करवाना चाहिए. दवा के दौरान लगातार उल्टी, पीलिया, पेट दर्द या यूरिन कम होने जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें.”

क्या करें और क्या न करें?

  • दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लें, खुद से इंजेक्शन शुरू न करें.
  • किडनी और लिवर की जांच करवाते रहें.
  • लगातार साइड इफेक्ट्स दिखें तो इंजेक्शन बंद करें और डॉक्टर को दिखाएं.
  • हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज को नजरअंदाज न करें, ये अभी भी वेट लॉस का सबसे सुरक्षित और टिकाऊ तरीका है.

वेट लॉस करने के इस इंजेक्शन ने मेडिकल साइंस में नई उम्मीद जगाई है और मोटापे के खिलाफ एक कारगर हथियार साबित हो रहे हैं. लेकिन इसके फायदे और नुकसान दोनों ही पहलू हैं. अगर आप भी इसे अपनाने का सोच रहे हैं, तो याद रखें यह कोई जादुई इंजेक्शन नहीं है. डॉक्टर की सलाह और रेगुलर हेल्थ मॉनिटरिंग के बिना यह आपकी किडनी, लिवर और हार्ट को नुकसान पहुंचा सकता है.

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.