Alzheimer Symptoms: आपकी अपनी मां आपको पहचानने में हिचकिचाए या आपके पिता बार-बार वही बात दोहराएं जैसे वो आपको पहली बार बता रहे हों. घर के सदस्य जिनकी यादें कभी आपके जीवन का आधार थीं, अब उन्हीं को जीवन की बुनियादी बातें याद दिलानी पड़ती हैं. यह स्थिति केवल भावनात्मक नहीं, बल्कि मानसिक और सामाजिक रूप से भी चुनौतीपूर्ण होती है और इसका नाम है अल्जाइमर. यह केवल भूलने की बीमारी नहीं है, बल्कि धीरे-धीरे दिमाग की क्षमता को खत्म करने वाला एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है. लेकिन सवाल यह है कि क्या अल्जाइमर वाकई जेनेटिक होता है या नहीं?

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क्या अल्जाइमर जेनेटिक है?

कुछ हद तक अल्जाइमर जेनेटिक हो सकता है. अगर परिवार में पहले किसी सदस्य को अल्जाइमर हो चुका है तो अगली पीढ़ी में इसके होने की संभावना बढ़ जाती है. हालांकि, जेनेटिक कारण होने के बावजूद जरूरी नहीं कि अगर किसी के माता-पिता को अल्जाइमर हुआ हो तो आपको भी यह बीमारी होगी. जीवनशैली, आहार, मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक एक्टिविटी जैसे कई फैक्टर भी इसमें बड़ी भूमिका निभाते हैं.

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किस-किस तरह की बीमारी होती है?

APOE जीन अल्जाइमर से जुड़ा सबसे कॉमन रिस्क फैक्टर होता, इसके होने पर खुद का ज्यादा ख्याल रखना पड़ता है. 

Presenilin-1 और Presenilin-2– ये  गंभीर रूप में अल्जाइमर से जुड़ी होती हैं, खासकर अगर बीमारी 60 साल से पहले शुरू हो रही हो.

अल्जाइमर कितना खतरनाक हो सकता है?

धीरे-धीरे याददाश्त का खत्म होना

अपनेपन की भावना खो जाना यानी मरीज अपनों को पहचानना बंद कर देता है.

स्वस्थ निर्णय लेने की क्षमता कम होना

भावनात्मक अस्थिरता, गुस्सा, भ्रम, उदासी और चुप्पी

बचाव के उपाय

दिमाग को सक्रिय रखें  यानी पढ़ना, लिखना, पजल्स हल करना

हेल्दी डाइट लेना सबसे ज्यादा जरूरी है 

नियमित एक्सरसाइज करना होगा

पर्याप्त नींद और तनाव से दूरी बनानी पड़ेगी 

अल्जाइमर एक दर्दनाक अनुभव हो सकता है, खासकर तब जब कोई अपने ही परिजनों को भूलने लगे. यदि परिवार में इसका इतिहास है तो सतर्क रहना बेहद जरूरी है. जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाकर और समय पर डॉक्टर से सलाह लेकर हम इस बीमारी की गंभीरता को काफी हद तक कम कर सकते हैं.

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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.