सावधान! इन जीनोम से बढ़ सकता है ऑटिज्म का रिस्क
एबीपी न्यूज़, वेब डेस्क | 09 Mar 2017 10:43 AM (IST)
नई दिल्लीः यूं तो ऑटिज्म होने के कई कारण हो सकते हैं लेकिन शोधकर्ताओं ने दुनिया के सबसे बड़े जीनोम की खोज की है जो कि ऑटिज्म के खतरे को बढ़ा सकता है. जी हां, इस जीनोम में 18 ऐसे नए जीन पाए गए हैं जो कि ऑटिज्म के रिस्क को और अधिक बढ़ा सकते हैं. शोधकर्ताओं ने 5,205 ऐसे परिवारों की जीनोम पर एनालिसिस किया है जो कि ऑटिज्म से प्रभावित थे. क्या कहते हैं एक्सपर्ट- यूएस की एडवोकेसी ऑर्गनाइजेशन के वाइस प्रेजिडेंट मैथ्यू ने ऑटिज्म स्पीक्स प्रोजेक्ट पर बात करने के दौरान कहा कि ये बात नोट करने वाली है कि एक दशक बाद 18 न्यू जीन के अलावा हम अभी भी न्यू ऑटिज्म जीन की खोज कर रहे हैं. उनका कहना है कि हर न्यू जीन के साथ ऑटिज्म के मामलों को एक्सप्लेन करना और भी आसान होगा. हर जीन का अपना बिहेवियरल इफेक्ट होता है और बहुत से जीन मेडिकल कंसर्न से एसोसिएट होते हैं. कई और बीमारियां भी बढ़ा सकते हैं ये जीन- शोधकर्ताओं ने दो ऑटिज्म से संबंधित जीन की खोज की है जिसमें बदलाव होते ही वे इस डिस्ऑर्डर को और बढ़ा सकता है. एक ऐसा जीन भी पाया गया है जो कि कार्डिएक डिफिक्ट का रिस्क बढ़ा सकता है और एक अन्य जीन व्यस्कों में डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकता है. ऑटिज्म स्पीक्स MSSNG प्रोजेक्ट में पाया गया कि इन नए जीनोम में छेड़छाड़ करने से ब्रेन सेल्स का डवलपमेंट और आपसी कम्यूनिकेशन भी इफेक्ट होता हैं. ये स्टडी नेचर न्यूरोसाइंस में पब्लिश हुई थी.