नींद स्वस्थ जीवन शैली का एक जरूरी हिस्सा है. पर्याप्त नींद लेने से दिमाग और शरीर स्वस्थ रहता है. सोने से पहले फोन के आदी लोगों की नींद पैटर्न प्रभावित होती है. नींद को नुकसान पहुंचानेवाले कई अन्य कारक भी जिम्मेदार होते हैं. अपर्याप्त नींद से बीमारियों का खतरा ज्यादा बढ़ने की आशंका रहती है. क्रोनिक बीमारियों में वजन का बढ़ना सामान्य खतरे का कारण होता है. पर्याप्त नींद नहीं लेने से डायबिटीज, हाइपरटेंशन, दिल का रोग, तनाव होने का भी ज्यादा खतरा होता है. इस सिलसिले में डाइट अहम भूमिका अदा कर सकती है.

विशेषज्ञों के मुताबिक नींद के कुछ संकेत को समझना चाहिए. इससे पता चल जाएगा कि आपने अच्छी नींद ली है या नहीं. जागने पर अगर आपकी आंखें सूजी हुई हैं या आप थकान महसूस कर रहे हैं तो इसका मतलब है आप ठीक से सोए नहीं हैं. इससे दिन की दैनिक गतिविधियां प्रभावित होती हैं. खाने के बीच लंबे अंतराल के बाद ज्यादा खाने से भी कभी-कभी नींद में कमी आती है.

सोने से पहले आदतों में करें सुधार

सोने से पहले कैफीन का सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है. कैफीन के सेवन से नींद में खलल पैदा होती है. बिस्तर पर जाने से पहले कॉफी पीना नींद को मुश्किल बना देता है. अगर आपको कुछ पीना ही है तो सोने से पहले कैमोमाइल चाय का सेवन किया जा सकता है. हर्बल चाय की पत्तियों से शरीर और दिमाग को सुकून मिलता है. जिससे नींद को बेहतर बनाया जा सकता है.

सोने से पहले रात में हल्का खाना खाएं. ऑयली फूड या भारी भोजन असहजता पैदा कर देता है. इससे पाचन की समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं. पाचन की समस्या होने पर नींद का आना मुश्किल हो जाता है.

शहद और दूध का सेवन करने से भी नींद की खलल को दूर किया जा सकता है. शोध से पता चला है कि थोड़ा शहद के साथ गर्म दूध का सेवन अच्छा प्रभाव डालता है. जिससे रात में नींद अच्छी आती है.

नींद की खराब आदतों से सफेद रक्त कोशिका और साइकोटीन का उत्पादन कम हो जाता है. ये शरीर को बीमारी और संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करने में मददगार होते हैं.

नींद की कमी की पूर्ति नहीं की जा सकती

अच्छी नींद के लिए बॉयोलोजिकल क्लॉक का पालन करना चाहिए. इसका मतलब हुआ कि आपको निर्धारित समय पर सोने और निर्धारित समय पर जागने के बारे में पता होना चाहिए. हर रात 7-8 घंटे की नींद को सुनिश्चित बनाएं. सोने से 3-4 घंटे पहले अल्कोहल का सेवन और टीवी देखना छोड़ दें. विशेषज्ञों का कहना है कि नींद की पूर्ति नहीं की जा सकती है. हफ्ते की नींद की कमी को सप्ताहांत में पूरा नहीं किया जा सकता.

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