Vehicle Standards: अक्सर हम इस बात से अनजान होते हैं कि अपनी कार से सुरक्षित सफर के लिए हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. इसीलिए कई बार कम हवा के बावजूद भी कार चलाते रहते हैं जिसका नतीजा होता है कि उसका टायर खराब हो जाता है या फिर जरूरत से ज्यादा हवा भरवा लेते हैं,कभी कोई अन्य खराबी होने पर भी हम ध्यान नहीं देते.


जिससे कार के माइलेज पर तो असर पड़ता ही है साथ ही दुर्घटना होने की संभावना भी होती है. इसलिए यह जरूरी है कि सुरक्षा संबंधी मानकों के अनुसार कार की मरम्मत कराते रहना चाहिए.


तय मानकों के अनुसार भरें टायर में हवा-


टायर में कितनी हवा होनी चाहिए इसकी जानकारी सामान्य तौर पर ड्राइविंग साइड के दरवाजे पर भीतर की ओर लिखी होती है. उस पर लिखे मानक के हिसाब से हवा भरवानी चाहिए. अगर वहां पर टायर में हवा संबंधी जानकारी नहीं लिखी है तो यूजर मैनुअल के जरिए इसकी जानकारी लें और सही मात्रा में अपनी कार के टायर में हवा भरवाएं.


सामान्य टायर जो बहुत पुराने ना हों उनमें हवा का प्रेशर 32 से 40  पाउंड प्रति स्क्वायर इंच (PSI)के बीच होना चाहिए. मानकों के अनुसार हवा होने पर कार का माइलेज भी अच्छा होता है.


बरतनी चाहिए सजगता-


अपनी कार के टायर की सेहत को लेकर आपको हमेशा सजग रहना चाहिए और समय-समय पर चेक करते रहना चाहिए कि उसमें कितनी हवा है. साथ ही ज्यादा पुराने टायरों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. 


इंजन का भी रखें ध्यान-


कार के इंजन की भी समय-समय पर देखभाल जरूरी होती है. इसके लिए कार के रजिस्टर्ड सर्विस सेंटर या किसी अच्छे मैकेनिक के पास ले जाना चाहिए. इससे आपकी कार सही रहेगी और सफर में कोई असुविधा नहीं होगी.


अनियमित हवा और पुराने टायरों की वजह से हो जाती है दुर्घटना-


टायर में अनियमित हवा (कम या ज्यादा हवा) होने की स्थिति में कार या कोई भी अन्य वाहन चलाने में असुविधा होती है. जिसका नतीजा ये होता है कि लोग दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं. ऐसे अपनी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए और किसी भी दुर्घटना की संभावना को टालने के लिए यह जरूरी है कि अपने वाहन में हवा तय मानक के अनुसार भरवाएं और टायर की स्थिति का भी ध्यान रखें.


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