कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान अपने ग्राहकों को सहयोग देने की अनुमति दे दी है. इसके तहत नॉन-रिफंडेबल कोविड-19 एडवांस का लाभ उठाया जा सकता है. महामारी के दौरान सदस्यों की वित्तीय आवश्यकताओं की पूरा करने के लिए विशेष निकासी का प्रावधान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मार्च, 2020 में किया गया था. 


इस प्रावधान के अंतर्गत तीन महीने के लिए मूल वेतन और महंगाई भत्ते की सीमा तक गैर-वापसी योग्य निकासी या ईपीएफ खाते में सदस्य की जमा राशि का 75 प्रतिशत तक दिया जाता है. इसके तहत सदस्य कम राशि के लिए भी आवेदन कर सकते हैं. श्रम और रोजगार मंत्रालय ने सोमवार को कहा, "कोविड-19 महामारी के दौरान ईपीएफ सदस्यों को बड़ी सहायता मिल रही है. खासकर उन लोगों के लिए जिनका मासिक वेतन 15,000 रुपए से कम है. ईपीएफओ ने अब तक 76.31 लाख कोविड एडवांस आवेदनों का निपटारा किया गया है. इसके तहत 18,698.15 करोड़ रुपए वितरित किए गए हैं.


दूसरी बार भी मिल सकता है एडवांस 


ईपीएफओ के 6 करोड़ सब्सक्राइबर्स इसका लाभ उठा सकते हैं. कारखानों और विभिन्न प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारी इस राशि को निकालने के लिए पात्र हैं. इसके लिए ईपीएफ योजना, 1952 के पैरा 68 एल के उप-पैरा 3 को जोड़ा गया है. संशोधित कर्मचारी भविष्य निधि कोष योजना पिछले साल 28 मार्च से लागू किया गया था. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान म्यूकरमायोसिस यानी ब्लैक फंगस को हाल में महामारी घोषित किया गया है. इस आपदा की घड़ी में ईपीएफओ का प्रयास है कि वे सदस्यों की वित्तीय जरूरतों को देखते हुए उनकी मदद कर सके. ऐसे में जो सदस्य पहले ही कोविड-19 एडवांस ले चुके हैं वे फिर से दूसरी बार एडवांस ले सकते हैं. दूसरी बार कोविड-19 एडवांस लेने की प्रक्रिया और प्रावधान बिल्कुल पहले लिए गए एडवांस की तरह ही है.


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