Types of GST Returns: गुड्स एंड सर्विसेज कानून (GST Law) में कुल 22 तरह के जीएसटी रिटर्न का प्रावधान है. इनमें से केवल 11 प्रकार के जीएसटी रिटर्न एक्टिव (Active GST Return) हैं और तीन सस्पेंड (Suspended GST Return) हैं. वहीं 8 ऐसे जीएसटी रिटर्न हैं जिनमें व्यवसाय से संबंधी जानकारी दर्ज होती है लेकिन इन्हें केवल देखा जा सकता है (View Only GST Return) इन्हें क्लेम करने का प्रावधान नहीं है.


जीएसटीआर-1 (GSTR-1):


जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड हर करदाता को यह रिटर्न भरना होता है. इसमें बिक्री से संबधित सभी लेन-देन की इंवॉइस और डेबिट-क्रेडिट नोट्स की जानकारी होती है. 5 करोड़ रुपये से ज्यादा के एग्रिगेट टर्नओवर वाले व्यवसायियों को हर महीने की 11 तारीख तक और QRMP स्कीम को चुनने वाले व्यवसायियों के लिए हर तीसरे महीने की 13 तारीख तक इस जीएसटीआर-1 रिटर्न को फाइल करना अनिवार्य है.


 जीएसटीआर-2 (GSTR-2A)


इसे केवल पढ़ा जा सकता है. इसमें जीएसटी रजिस्टर्ड सप्लायर से खरीदे गए सामान या ली गई सेवा की जानकारी होती है. विभिन्न सप्लायर्स की ओर से जीएसटीआर-1 के अंतर्गत भरी गई जानकारी के आधार पर जीएसटीआर-2ए में स्वत: जानकारी अपडेट हो जाती है.


जीएसटीआर-2बी (GSTR-2B)


यह भी केवल व्यूह ओनली यानी पढ़े जाने योग्य जीएसटी रिटर्न है. इसमें प्रत्येक इनवॉयस पर होने वाली कार्रवाई जैसे रिवर्स चार्ज आदि की जानकारी होती है.


जीएसटीआर-2 (GSTR-2):


वर्तमान में जीएसटीआर-2 सितंबर 2017 से सस्पेंड है.


जीएसटीआर-3 (GSTR-3):


वर्तमान में जीएसटीआर-3 भी सस्पेंड है. इसमें पुराने टैक्स रिटर्न की विवरणी, टैक्स लाइबिलिटी आदि की जानकारी होती है.


जीएसटीआर-3बी (GSTR-3B):


यह सेल्फ डिक्लरेशन होती है. जिसे हर महीने भरना अनिवार्य है. इसमें सभी तरह की सप्लाई, इंपुट टैक्स क्रेडिट, टैक्स लाइबिलिटी और भरे करे टैक्स की जानकारी होती है. इसे जीएसटी के अंतर्गत रजिस्टर्ड सभी करदाताओं को भरना होता है.


जीएसटीआर-4 (GSTR-4) अथवा कॉम्पजीशन 8 (CMP8):


यह वार्षिक रिटर्न है जिसे कॉम्पजीशन टैक्स का विकल्प चुनने वाले करदाताओं के लिए वित्तीय वर्ष खत्म होने के बाद 30 अप्रैल तक भरना अनिवार्य है.  कॉम्पजीशन स्कीम के अंतर्गत 1.5 करोड़ रुपये तक का सालाना टर्नोवर करने वाले टैक्स पेयर एक निश्चित दर पर टैक्स भुगतान कर सकते हैं.


जीएसटीआर-5 (GSTR-5):


इसे वे विदेशी करदाता भरते हैं जो जीएसटी के अंतर्गत रिजस्टर्ड हैं और भारत में व्यापारिक लेन-देन करते हैं. इस रिटर्न को प्रत्येक महीने भरा जाता है.


जीएसटीआर06 (GSTR-6):


इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर की श्रेणी में आने वाले करदाता हर महीने इस रिटर्न को भरते हैं. इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर किसी कारोबार के हेड ऑफिस के रूप में काम करता है और सभी शाखाओं द्वारा उपयोग की जाने वाली सेवाओं के लिए बिल प्राप्त करता है. इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा भरे करे टैक्स को इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) कहा जाता है. हेड ऑफिस इसे सभी ब्रांच को वितरित करता है. जीएसटीआर-6 में आईटीसी, आईटीसी वितरण के लिए जारी किए गए दस्तावेज एवं आईटीसी वितरण की प्रक्रिया का विवरण होता है.


जीएसटीआर-7 (GSTR-7)


जीएसटी के तहत कटे टीडीएस (Tax Deduction At Source) के लिए हर माह करदाता इसे फाइल करते हैं. इस रिटर्न में टीडीएस की राशि, टीडीएस रिफंड, टीडीएस देनदारी आदि की जानकारी होती है.


जीएसटीआर-8 (GSTR-8):


जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड ई-कॉमर्स व्यवसायी इसे भरते हैं. इसमें ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से की गई आपूर्ति और उस पर एकत्रित टीसीएस (Tax Collected At Source) का विवरण होता है.


जीएसटीआर-9 (GSTR-9):


यह वार्षिक रिटर्न है जिसे वित्तीय वर्ष के अगले वित्तीय वर्ष में 31 दिसंबर तक भरना होता है. इसमें सीजीएसटी (CGST), एसजीएसटी (SGST), आईजीएसटी (IGST) आदि की जानकारी होती है.


जीएसटीआर-10 (GSTR-10)


इसे फाइनल रिटर्न भी कहा जाता है. जिन व्यवसायियों का जीएसटी नंबर कैंसिल कर दिया जाता है या जिन्होंने जीएसटी नंबर सरेंडर कर दिया हो, उन्हें कैंसिलेशन या सरेंडर के तीन महीने के भीतर इसे भरना होता है.


जीएसटीआर-11 (GSTR-11)


जिन लोगों को रिफंड प्राप्त करने के लिए यूनिक आईडेंटिटी नंबर (UIN) जारी किया जाता है, वे इस रिटर्न को भरते हैं.


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