जज्बे को सलाम: घरों में एसी का मजा ले रहे हैं तो यह पढें, कलेजा कांप जाएगा!
ऐसे बेरहम मौसम में भी बीएसएफ के जवान मुस्तैदी से अपना फर्ज अदा कर रहे थे. टीन की छत लगाकर इनकी चौकियों बनी हैं जिनसे छांव तो मिल जाती है, लेकिन गर्म हवाओं से राहत नहीं. ड्यूटी खत्म होने पर यहीं जवान आराम करते हैं. नमक भरी गर्म हवाएं जवानों की सेहत पर असर करती हैं और इनकी वजह से चमड़ी से जुड़ी बीमारियां हो जाती हैं.
कच्छ को 'गुजरात का सियाचिन' भी कहा जाता है. दुनिया के सबसे ऊंचे जंग के मैदान सियाचिन में सर्दी के मौसम में तापमान माइनस 50 डिग्री तक पहुंच जाता है. इसके ठीक उलट कच्छ के रण में गर्मी के मौसम में तापमान 50 डिग्री के करीब पहुंच रहा होता है.
जानलेवा गर्मी को गले लगाकर ये जवान आपकी हमारी हिफाजत कर रहे हैं. एबीपी न्यूज़ ने इन्हीं जवानों के साथ एक दिन बिताया. साथ ही जाना कि आसमान से बरसती आग और तपती हुई धरती के बीच वो कौन सा जज्बा है जो इनकी हिम्मत बनाये रखता है.
फास्ट अटैक क्राफ्ट में तो एयरकंडीशन का इंतजाम है, लेकिन स्पीड बोट में सवार कमांडो को कड़ी धूप झेलते हुए खुले पानी में गश्त लगानी पड़ती है.
गश्त के दौरान गर्मी बीएसएफ की चुनौतियां बढ़ा देती है. नालों और खाडियों में गश्त लगाने के लिए बीएसएफ के कमांडो फास्ट अटैक क्राफ्ट नामक अत्याधुनिक नाव और स्पीड बोट का इस्तेमाल करते हैं. फास्ट अटैक क्राफ्ट में तो एयरकंडीशन का इंतजाम है, लेकिन स्पीड बोट में सवार कमांडो को कड़ी धूप झेलते हुए खुले पानी में गश्त लगानी पड़ती है.
धूप में तप रहे जवानों को पानी मिलता रहता है. आने वाले वक्त में मौसम के बद से बदतर होने की आशंका जताई जा रही है. इस सब के बावजूद एक बात साफ है कि मौसम कितना भी बेरहम क्यों न हो जाये कच्छ के रण में तैनात इन जवानों के हौसले को वो डिगा नहीं पायेगा.
आपने टीवी पर कच्छ के रण की खूबियां बताते हुए महानायक अमिताभ बच्चन को जरूर देखा होगा. लेकिन महानायक ने कच्च के रण का एक पहलू ही बताया. एक दूसरा पहलू है कि यहां सिर्फ 40 किलोमीटर दूर पाकिस्तान की पहली चौकी है. यहां दुश्मन सिर्फ पाकिस्तान नहीं सिर पर तपता सूरज और नीचे जानलेवा दलदल भी है.
कच्छ के रण की गर्मी में उमस नहीं होती. धूप शरीर को निचोड लेती है. अगर लगातार पानी न पिया जाये तो लू लग सकती है. प्यास भी बार बार लगती है. ऐसे में ये फिल्टिरिंग मशीन काफी मददगार साबित हो रही है.
देश गर्मी का सितम बढ़ने लगा है. सूरज दिन पर दिन अपनी तपिश से लोगों की परीक्षा ले रहा है. हम और आप अपने घरों और दफ्तरों में एसी की हवा और ठंडा पानी पीकर खुद को राहत पहुंचा सकते हैं. लेकिन क्या एसी कमरों में बैठकर आपने देश के उन वीर जवानों के बारे में सोचा है जो सरदह पर भीषण गर्मी में भी दुश्मन को उसकी करतूतों का सबक सिखाने के लिए तैयार हैं.
इस दलदल में हाथ में 5 किलो का असलहा लेकर चल पाना आसान नहीं है. इसलिये बीएसएफ ने यहां गश्त के लिये 'क्रीक क्रोकोडाईल कमांडोज' नाम का एक विशेष दस्ता तैयार किया है. ये कमांडो बिना किसी की परवाह किए अपने फर्ज को अंजाम दे रहे हैं.