दिल्ली प्रदूषण पर टोपी ट्रांसफर का खेल: केजरीवाल बोले, पड़ोसी राज्य जिम्मेदार
दिल्ली एनसीआर में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि जल्द एक इमरजेंसी बैठक बुलाई जाए जिसमें दिल्ली एनसीआर के मुख्य सचिव शामिल हों. वहीं दूसरी ओर एनजीटी ने दिल्ली सरकार पर नाराजगी जताते हुए कहा कि हेलीकॉप्टर से पानी क्यों नहीं छिड़कवाया, आखिर जीवन के साथ खिलवाड़ क्यों.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सांस की शिकायत वाले लोगों को घर में रहने और ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ पीने की सलाह दी है साथ ही लोगों को मॉर्निंग वॉक करने के लिए भी मना किया है. प्रदूषण पर नासा ने भी सेटेलाइट की तस्वीरें जारी की हैं. इन तस्वीरों में हिंदुस्तान के अलग- अलग हिस्सों में प्रदूषण का हाल दिख रहा है, वहीं पाकिस्तान के भी कई हिस्सों में जहरीली धुएं का कहर दिख रहा है.
एक ओर जहां इस जहरीले धुएं के कारण लोगों का हाल बेहाल है वहीं दूसरी ओर एयर प्यूरीफायर बाजार में तेजी की उम्मीद की जा रही है. दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने सभी स्कूलों को रविवार तक बंद रखने का आदेश दिया है. उन्होंने कहा है कि बच्चों की सेहत से कोई समझौता नहीं करेंगे, सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूल बंद रहेंगे.
एनजीटी ने कहा कि पूरे दिल्ली एनसीआर में निर्माण कार्यों और प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर रोक लगे लेकिन मजदूरों को पैसे मिलते रहे. हालांकि एनजीटी के इन बयानों के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पड़ोसी राज्यों पर प्रदूषण की जिम्मेदारी डालते हुए कहा कि पंजाब और हरियाणा पराली जलाना बंद क्यों नहीं करते.
दिल्ली सरकार ने अभी ऑड इवन पर भी फैसला नहीं किया है क्योंकि सरकार का मानना है कि प्रदूषण पड़ोसी राज्यों के कारण हो रहा है. उधर प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए एलजी अनिल बैजल ने दिल्ली में ट्रकों की एंट्री पर बैन, सड़कों पर पानी के छिड़काव और मेट्रो सर्विस बढ़ाए जाने के निर्देश जारी किए हैं.
बात अगर लोगों की सेहत की करें तो आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत की शिकायतें सामने आ रही हैं. वहीं धुंध के कारण विजिबिलिटी भी बेहद कम हो गई है. हाल ये है कि अक्षरधाम समेत अन्य स्मारक व महत्वपूर्ण इमारतें भी धुएं में खोई सी मालूम होती हैं.