तस्वीरों में देखिए, कैसे आफत की बारिश में डूब रही है मायानगरी
पिछले तीन दिन से हर रोज़ 100 मिलीमीटर से ज़्यादा बारिश हुई है, पिछले 24 घंटों में ही 200 मिमी के करीब बारिश रिकॉर्ड की गई. मुंबई सहित कल्याण, ठाणे, नवी मुंबई में मॉनसून जमकर बरस रहा है. महीने के शुरुआती 10 दिन में ही मुंबई ने 754 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि पूरे जुलाई महीने में 840 मिलीमीटर बारिश होती है. अगले 24 घंटों में बारिश जारी रहेगी जिससे 840 मिमी पीछे छूट सकता है.
मुंबई और इसके आस पास के इलाके में खास तौर से पालघर जिले में हुई जबरदस्त बारिश के बाद उत्पन्न स्थिति पर महाराष्ट्र सरकार गहरी नजर रखे हुए है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में आज इसके बारे में जानकारी दी और कहा कि पालघर जिले में अप्रत्याशित बारिश हुई है. मुंबई में 11 स्थानों पर जल जमाव की सूचना है और तीन स्थानों पर यातायात परिवर्तित कर दिया गया है. मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्षा जल निकासी के लिए 150 अतिरिक्त पम्प लगाये गये हैं.
राजनीतिक तौर पर बात करें तो बीएमसी में शिवसेना काबिज़ है, तो राज्य सरकार बीजेपी की है. कुछ भी होता है तो एक दूसरे पर उंगली उठाने लगते हैं. जाहिर है जब तक सब ये नहीं सोचेंगे कि वोटर तो एक ही है आम आदमी, वह सबका है. तब तक भुक्तभोगी भी आम आदमी ही रहेगा, यानी शहर डूबता रहेगा.
मुंबई में एक बड़ी समस्या विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय की भी है. यहां रेलवे की तीन लाइनें हैं, पश्चिम, मध्य और हार्बर. सबके अलग-अलग अफसर हैं. शहर से गुजरने वाले हाईवे को एमएमआरडीए देखता है. कई सड़कें पीडब्लयूडी के अधीन आती हैं और अंदर की सड़कें बीएमसी. मेट्रो और मोनो रेल के अलग-अलग अफसर और एजेंसियां हैं.
मुंबई और आसपास के जिलों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और दमकल कर्मियों और अन्य एजेंसियों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अलर्ट पर रखा गया है.
भारी बारिश के बाद, पर्यटन केंद्र जैसे संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान, तुंगरेश्वर वण्यजीव अभ्यारण्य, करनाला पक्षी अभ्यारण्य, तनसा वन अभ्यारण्य और येअूर पहाड़ियों में कई बड़ी और छोटी नदियों और तालाबों में पानी भर गया है. इसके अलावा वैतरना, सूर्या और उल्हास नदियों भी उफान पर आ गईं हैं.
बता दें कि इस मौसम में एक दिन में हुई यह सबसे ज्यादा बारिश है, जिसके कारण कई सड़कों और गलियों में पानी भर गया. लोगों को घुटनों तक भरे पानी से गुजरना पड़ा. बारिश और कम दृश्यता के कारण वाहन सड़कों पर रेंगते रहे, सड़कों पर बने गड्ढों से समस्या और भी बिगड़ गई है.कई निचले इलाके दादर, सायन, परेल, कुर्ला, विद्याविहार, अंधेरी, मलाड और जोगेश्वरी उपनगरों में दूसरे दिन पानी भर जाने के कारण सड़क यातायात और पैदल चलने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने 12 जुलाई तक भारी बारिश का अनुमान जताया है.
ये सपनों के शहर मुंबई की तस्वीर है जहां विकास तमाम सरकारी दावों के साथ बारिश में बह गया है. यहां यातायात के हर साधन पर बारिश ने मुसीबत खड़ी कर दी है. मुबई की लाइफ लाइन लोकल सिसक-सिसक कर चल रही है और जब लोकल की सांसें फूल रही हैं तो ऐसे में आम लोगों की हालात खराब होना लाजिमी है.