यूपी विधानसभा चुनाव में जानें किस बाहुबली नेता को मिली जीत और किसे मिली हार?
अपहरण के मामले में जेल में बंद श्याम नारायण सिंह उर्फ विनीत सिंह भी चंदौली की सैयदराजा सीट से BSP की टिकट से चुनावी मैदान में उतरे थे लेकिन उन्हें बीजेपी के बाहुबली नेता सुशील कुमार से हार गए.
महाराज गंज के नौतनवां विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदार के तौर पर चुनाव लड़े अमनमणी त्रिपाठी को इस सीट पर जीत मिली है. त्रिपाठी अपनी पत्नी सारा की हत्या के मामले में जेल के अंदर हैं. उनके पिता अमरमणि त्रिपाठी और मां भी मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में जेल में बंद हैं.
बहुजन समाजवादी पार्टी के बाहुवली नेता और पूर्वांचल के बाहुबली नेताओं में शुमार हरिशंकर तिवारी के बड़े बेटे विनय शंकर ने चिल्लूपार विधानसभा सीट से जीत दर्ज की है. विनय शंकर ने बीजेपी उम्मीदवार राजेश त्रिपाठी को चार हजार वोटों हराया.
सैयदराजा विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े बाहुबली नेता सुशील सिंह को जीत मिली है. सुशिल मशहुर माफिया ब्रजेश के भतीजे हैं जो अभी जेल में बंद है. ब्रजेश का दावा है कि वह पूर्वाचल के पहले डॉन हैं.
मऊ सदर विधानसभा सीट से बीएसपी और बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी ने बीजेपी उम्मीदवार सुहेवदेव और महेंद्र राजभर को हराते हुए इस सीट पर अपना कब्जा जमाया. मुख्तार अंसारी को यूपी के बाहुबली नेताओं में शुमार किया जाता है.
सबसे पहले बात करते हैं उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के कुंडा विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार बाहुबली नेता राजा भैया की. राजा भैया ने इस विधानसभा सीट से रिकॉर्ड जीत दर्ज की है. राजा भैया ने इस सीट पर बीजेपी नेता जानकी सरन को हराया.
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को भारी बहुमत प्राप्त हुआ है. इस चुनाव में बीजेपी के विरोधी पार्टियों के कई बड़े दिग्गज नेताओं को हार मिली है, लेकिन इस दौर में कई ऐसे नेता भी हैं जिनकी छवि एक बाहुबली नेता की है और वे चुनाव जीतने में सफल रहे हैं. आइए जानते हैं प्रदेश में किस बाहुबली नेता को मिली है जीत और किसे मिली हार.