कर्ज माफी के लिए दिल्ली में किसानों का जोरदार प्रदर्शन, खुदकुशी करने वाले किसानों की विधवाएं हुईं शामिल
समिति की किसान मुक्ति संसद में आज 21 राज्यों के 184 किसान संगठनों के साथ हज़ारों किसान पहुंचे थे.
सरदार सरोवर बांध से विस्थापित धार जिले से आई महिला किसानों ने कहा कि हम ज्यादातर धान, कपास, पपीता की खेती करते हैं. लेकिन फसलें खराब हो गयी हैं और जो बची हैं, उनका दाम भी नही मिल रहा. तो खेती कैसे करेंगे?
रामलीला मैदान में लगभग 184 किसान संगठन एक साथ आए और इन्होंने अपनी मांगों को लेकर मार्च निकाला.
स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने इस रैली को संबोधित करते हुए मांग की कि केंद्र सरकार को सभी राज्यों के किसानों का ऋण माफ करना चाहिए.
राजधानी दिल्ली में आज अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले किसान मुक्ति संसद का आयोजन किया गया. इस दौरान किसानों ने कर्ज माफी और न्यूनतम समर्थन मूल्यि की मांग को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. इस रैली में तेलांगना और महाराष्ट्र की वे विधवा महिलाएं भी शामिल हुईं, जिनके किसान पतियों ने कर्जे से तंग आकर ख़ुदकुशी कर ली थी.
इस रैली में किसानों की दो मुख्य मांगें थीं, पहली कि लाभकारी कीमतें स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के मुताबिक उत्पादन लागत और उसके ऊपर 50 फीसदी होनी चाहिए.
इस रैली में तेलांगना और महाराष्ट्र की वह विधवा महिलाएं भी शामिल हुईं, जिनके किसान पतियों ने कर्जे से तंग आकर ख़ुदकुशी कर ली थी.
दूसरी मांग है कि सभी कृषि ऋण पर एक बार छूट देनी चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘’पिछले कुछ सालों में राज्य सरकारों ने अधिकतर कदम उठाए हैं, लेकिन अनुभव कहता है कि जब तक केंद्र सरकार इसमें कदम नहीं उठाएगी, ऋण को माफ नहीं किया जा सकता.