J&K: आखिरी दम तक आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हुए ये जवान
बॉर्डर पर सुरक्षाकर्मी अलर्ट हैं. ऐसी खुफिया सूचना है कि लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों ने 15 अगस्त को जम्मू-कश्मीर और नई दिल्ली में आतंकवादी हमले को अंजाम देने की योजना बनाई है.
बांदीपोरा के एसएसपी शेख जुल्फिकार ने कहा कि आतंकियों की मौजूदगी के बारे में खुफिया सूचना मिली थी. उन्होंने कहा कि घटनास्थल पर और टीम को भेजी गई है.
सुरक्षाबलों को देर रात खबर मिली थी कि कुछ आतंकी नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार कर जम्मू-कश्मीर में दाखिल होने की कोशिश कर रहे हैं. इसी के बाद गोलीबारी शुरू हुई.
सेना अधिकारी ने घटना की पुष्टि की है. उन्होंने कहा, उत्तर कश्मीर के गुरेज में घुसपैठ की कोशिश नाकाम करने के दौरान विक्रमजीत सिंह शहीद हो गए.
घुसपैठियों से लोहा लेते हुए एक और बहादुर जवान राइफलमैन मनदीप सिंह रावत भी शहीद हो गए. मनदीप भी उत्तराखंड के कोटद्वार जिले के शिवपुर गांव के रहने वाले थे.
मुठभेड़ को नाकाम करने की कोशिश में ही राइफलमैन हमीर सिंह भी शहीद हो गए. हमीर उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के पोखरियाल गांव के रहने वाले थे.
आतंकियों से लड़ते हुए GNR (DMT) विक्रमजीत सिंह भी देश के लिए कुर्बान हो गए. विक्रमजीत सिंह हरियाणा के अंबाला जिले के तेपला गांव के रहने वाले थे.
शहीद होने वाले जाबांजों में मेजर कौस्तुभ प्रकाश कुमार राणे शामिल हैं. मेजर कौस्तुभ महाराष्ट्र की थाणे तहसील के हिरल सागर, सीतल नगर के रहने वाले थे.
जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले के गुरेज सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश कर रहे आतंकियों से मुकाबला करते हुए एक मेजर समेत सेना के चार जवान शहीद हो गए. आज हम आपको सेना के उन्हीं जांबाज जवानों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने देश की रक्षा करते हुए अपनी शहादत दी हैं.