Atal Bihari Vajpayee Funeral: बेटी नमिता ने दी मुखाग्नि, फूटकर रो पड़ीं नातिन, पीएम मोदी ने बंधाया ढांढस
इससे पहले सुबह के समय वाजपेयी के पार्थिव शरीर को उनके घर से पांच किलोमीटर दूर भाजपा मुख्यालय ले जाते समय जगह-जगह अटल बिहारी वाजपेयी ‘अमर रहें’ के नारे लगते रहे. गाड़ी के साथ-साथ चल रहे लोग ‘जब तक सूरज चांद रहेगा अटल जी का नाम रहेगा’, ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे भी लगा रहे थे.
आज सुबह वाजपेयी के पार्थिव शरीर को उनके घर से दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित बीजेपी मुख्यालय ले जाया गया और फिर अंतिम यात्रा राष्ट्रीय स्मृति स्थल के लिए रवाना हुई. इस दौरान दिल्ली की सड़कों पर जनसैलाब उमड़ पड़ा जो खामोशी से लेटे अपने नेता की अंतिम झलक पाने को आतुर थे.
इससे पहले बीजेपी के पार्टी मुख्यालय में प्रधानमंत्री और विभिन्न मंत्रियों तथा पार्टी कार्यकर्ताओं ने दिवंगत वाजपेयी को श्रद्धासुमन अर्पित किए.
वाजपेयी के पार्थिव शरीर के साथ उनकी एक मुस्कराती बड़ी तस्वीर लगी थी तथा दूसरी तरफ भाजपा का झंडा लगा था. अपने नेता की अंतिम यात्रा देख सड़कों पर जुटे लोग बेहद भावुक और गमगीन नजर आ रहे थे.
बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी का गुरुवार को एम्स में निधन हो गया. वह 93 साल के थे. उनके अंतिम संस्कार में आज लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा.
पूर्व प्रधानमंत्री का शव फूलों से सजी तोपगाड़ी में रखा था और हजारों लोग उसके पीछे-पीछे चल रहे थे. इनमें से कुछ धीरे-धीरे चल रहे थे तो कुछ दौड़ रहे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी तोपगाड़ी के साथ-साथ पैदल चल रहे थे.
अंत्येष्टि स्थल पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द, उपराष्ट्रपति एम वैंकैया नायडू , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज , कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सहित तमाम हस्तियां वाजपेयी को अंतिम विदाई देने के लिए मौजूद थीं.
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का शुक्रवार को राष्ट्रीय स्मृति स्थल में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. यहां पीएम मोदी सहित हजारों की संख्या में मौजूद लोगों ने उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दी. अंतिम संस्कार से पहले उन्हें बंदूकों की सलामी के साथ अंतिम विदाई दी गई.
उनकी ये तस्वीरें देख वहां मौजूद सभी लोग भावुक हो गए.
नमिता कौल भट्टाचार्य के साथ वाजपेयी की नातिन नाहारिका भी मौजूद थीं.
अंतिम संस्कार की सारी परंपराएं नमिता ने पूरी कीं.
नमिता जब मुखाग्नि दी तो वहां का माहौल‘अटल बिहारी अमर रहें’ के गगनभेदी नारों से गूंज उठा.
आज अंतिम संस्कार के समय सभी लोगों ने उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि दी.
बता दें कि बीजेपी का उदारवादी चेहरा माने जाने वाले वाजपेयी पहली बार 1996 में प्रधानमंत्री बने थे, लेकिन तब वह 13 दिन ही प्रधानमंत्री रह पाए थे. 1998 में वाजपेयी फिर प्रधानमंत्री बने, लेकिन इस बार उनकी सरकार 13 महीने तक ही चली. प्रधानमंत्री के रूप में वाजपेयी के साथ 1999 में राजग फिर सत्ता में आया और इस बार उनकी सरकार ने कार्यकाल पूरा किया. 2005 में उन्होंने राजनीति से सन्यास ले लिया था.
अंतिम संस्कार के बाद पीएम मोदी ने खुद जाकर नमिता और निहारिका को ढाढस बधाया.
अटल बिहारी वाजपेयी की बेटी नमिता कौल भट्टाचार्य ने उन्हे मुखाग्नि दी.
बता दें कि निहारिका के साथ वाजपेयी का बहुत लगाव था. यहां निहारिका बहुत भावुक दिखीं.
मुखाग्नि देने के बाद नमिता और निहारिका के आंसू रुके नहीं. ये दोनों यहां एक दूसरे को पकड़कर रो पड़ीं.