उत्तर प्रदेश एक अभूतपूर्व बदलाव की कगार पर खड़ा है. इसका विकसित यूपी 2047 विजन पूरे देश में आशा की एक लहर जगा रहा है. यूपी का यह महत्वाकांक्षी रोडमैप 2047 तक राज्य को 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की कल्पना करता है, जो भारत की स्वतंत्रता की शताब्दी और विकसित भारत के लक्ष्यों के साथ पूरी तरह से मेल खाता है. एक ऐसे राज्य के रूप में जिसकी शुरुआत पलायन वाले राज्य के तौर पर हुई थी, अब यूपी इन सबको गलत साबित करते हुए 269% GSDP वृद्धि के साथ 35 लाख करोड़ रुपये, 222% निर्यात वृद्धि के साथ 1.86 लाख करोड़ रुपये, और प्रति व्यक्ति आय में 279% की छलांग लगाकर 1.2 लाख रुपये तक पहुंच गया है.
यह सकारात्मक कहानी आर्थिक उछाल, इंफ्रास्ट्रक्चर के चमत्कारों, हरित क्रांति, तकनीकी छलांग, सामाजिक उत्थान और यहां के निवासियों की प्रगति के माध्यम से सामने आ रही है. सन् 2047 तक का यह विजन एक आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की एक जीवंत तस्वीर पेश करते हुए यह स्पष्ट संकेत दे रहा है कि आने वाले समय में देश का सबसे बड़ा राज्य भारत के उदय का नेतृत्व करेगा.
यूपी का आर्थिक विकास
उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था ने भारत की विकास गाथा को फिर से लिखा है. साल 2016-17 में 13 लाख करोड़ रुपये से GSDP दोगुना होकर आज 35 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो वर्ष 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 45 लाख करोड़ रुपये के निवेश से प्रेरित है. राजस्व अधिशेष सिर्फ दो साल पहले के 37,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 70,000 करोड़ रुपये हो गया है, जिससे बिना किसी वित्तीय दबाव के ऋण-मुक्त मेगा प्रोजेक्ट संभव हो सके हैं. साल 2025 में निर्यात 1.86 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो 222% की वृद्धि है, जिससे यूपी एक वैश्विक व्यापार केंद्र के रूप में स्थापित हुआ है. इसमें अकेले ODOP योजना से निर्यात सालाना 2.2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.
वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) पहल ने 75 जिलों को GI-टैग वाले उत्पादों के साथ सशक्त बनाया है. जिससे 15 लाख नौकरियां और 1.5 लाख करोड़ रुपये की बिक्री हुई है. MSMEs नीतिगत सुधारों के तहत फले-फूले और 45 लाख इकाइयां पंजीकृत हुईं, जिन्होंने निर्यात में 60% का योगदान दिया. औद्योगिक शिखर सम्मेलनों ने 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावित हुए. ग्रेटर नोएडा में सेमीकंडक्टर से लेकर लखनऊ में EV तक, जिससे 1.2 करोड़ नौकरियां पैदा हुईं. UP सालाना 14,000 करोड़ रुपये के FDI निवेश के साथ तीसरे स्थान पर है. वहीं निवेश मित्र 3.0 के AI-संचालित पोर्टल ने अप्रूवल का समय 45 दिन से घटाकर कुछ घंटे कर दिया है, जिससे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में यह देश के टॉप-5 राज्यों में शामिल हो गया है.
MSME विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में संतुलित विकास पर ज़ोर दिया, जबकि कमिश्नर दीपक कुमार ने युवा वर्कफोर्स और कैपेक्स को ग्लोबल आकर्षण बताया. "शेपिंग UP's इंडस्ट्रियल फ्यूचर" जैसे सम्मेलनों में ज़मीन आवंटन और निगरानी की आसान प्रक्रिया को दिखाया गया, जिससे सैमसंग और फॉक्सकॉन जैसी बड़ी कंपनियां आकर्षित हुईं. इस आर्थिक उछाल ने लोगों को यूपी लौटने की ओर से आकर्षित किया. इसके जरिए 2 करोड़ युवा वापस आए और UP को 2047 तक 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए 16% सालाना विकास की राह पर ला खड़ा किया.
इंफ्रास्ट्रक्चर बनेगी यूपी की मजबूत पहचान
विश्व स्तरीय एक्सप्रेसवे UP की नई पहचान बन गए हैं, 7 चालू (1,300+ किमी) और 6 निर्माणाधीन हैं, जो जल्द ही भारत के 50% से ज़्यादा नेटवर्क का हिस्सा होंगे. पूर्वांचल, गंगा और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे ने लखनऊ-वाराणसी यात्रा का समय 10 घंटे से घटाकर 3.5 घंटे कर दिया है, जिससे लॉजिस्टिक्स में 40% और रियल एस्टेट में 300% की बढ़ोतरी हुई है. बुंदेलखंड में डिफेंस कॉरिडोर ने 25,000 करोड़ रुपये का निवेश आ रहा है जिससे एयरोस्पेस हब और 50,000 हाई-टेक नौकरियां पैदा हुईं.
यूपी में हवाई अड्डों की संख्या बढ़कर 23 हो गई है, जिसमें अयोध्या और जेवर (2026 तक एशिया का सबसे बड़ा) में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे शामिल हैं, जो सालाना 10 करोड़ यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाते हैं. लखनऊ, कानपुर, आगरा और नोएडा-ग्रेटर नोएडा में मेट्रो नेटवर्क 200 किमी तक फैला है, जिसके भूमिगत सेक्शन वैश्विक शहरों को टक्कर देते हैं. रेलवे ने 5,000 किमी पटरियों का आधुनिकीकरण किया है, और सभी डिवीजनों को जोड़ने वाली वंदे भारत ट्रेनें शुरू की हैं.
शहरी परिवर्तन का लक्ष्य वर्ष 2030 तक 117 नए नगर निकायों और अमृत 2.0 के माध्यम से 35% शहरीकरण करना है, जिससे 100% स्वच्छ पानी, स्वच्छता, बिजली और पक्के घर उपलब्ध होंगे. लखनऊ जैसे स्मार्ट शहरों में AI ट्रैफिक सिस्टम हैं जो भीड़भाड़ को 30% कम करते हैं, जबकि मेगा फूड पार्क और कोल्ड चेन कृषि कचरे को 5% तक कम करते हैं.
प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने बताया कि एक्सप्रेसवे और एविएशन व्यापार को बढ़ा रहे हैं. और बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण के माध्यम से 12 औद्योगिक टाउनशिप 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश को आसान बना रही हैं. कनेक्टिविटी का यह जाल गांवों को निर्यात केंद्रों में बदल रहा है, जिससे समावेशी समृद्धि को बढ़ावा मिल रहा है.
ग्रीन एनर्जी में क्या करेगा यूपी?
UP का एनर्जी और रिन्यूएबल विजन 2047, जिसे डेलॉइट के साथ मिलकर बनाया गया है, 100 GW सोलर कैपेसिटी के ज़रिए ग्रीन डोमिनेंस में सबसे आगे है, जिसमें जलाशयों और नहरों के ऊपर 10 GW फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट शामिल हैं. बुंदेलखंड में हाइब्रिड विंड-सोलर फार्म 5 GW बिजली पैदा करते हैं, जबकि 2 करोड़ टन कृषि कचरे से बायोएनर्जी 10 लाख घरों को बिजली देती है. EV इंफ्रास्ट्रक्चर में 10,000 चार्जिंग स्टेशन, कानपुर में ग्रीन हाइड्रोजन पायलट प्रोजेक्ट और जेवर एयरपोर्ट के लिए सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल शामिल हैं.
AI की मदद से 1.5 लाख गांवों में माइक्रोग्रिड के लिए 1 करोड़ नागरिकों के इनपुट का विश्लेषण किया, जिससे 100% विद्युतीकरण और 24x7 बिजली सुनिश्चित हुई. प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत दोगुनी होकर 1,500 kWh हो गई, जिसमें 2030 तक 40% रिन्यूएबल एनर्जी शामिल है. NCR में जीरो-एमिशन जोन और 50 लाख घरों के लिए रूफटॉप सोलर जैसी नीतियों से उत्सर्जन में 25% की कमी आई है. यह रोडमैप बिना फॉसिल फ्यूल के भरोसेमंद बिजली सुनिश्चित करता है, जिससे UP भारत का ग्रीन लीडर और क्लीन टेक का एक्सपोर्टर बन गया है.
टेक और इनोवेशन के सेक्टर में यूपी
UP का लक्ष्य AI, क्वांटम, ब्लॉकचेन लीडरशिप है, और नोएडा और लखनऊ में आईटी केंद्रों के जरिए 2030 तक IT एक्सपोर्ट में हिस्सेदारी दोगुनी करना है. 2030 तक 200 यूनिकॉर्न ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स में फल-फूल रहे हैं, भारत के 55% मोबाइल यहीं बनते हैं, इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट 50,000 करोड़ रुपये का है. स्किल इंडिया ने 1.5 करोड़ युवाओं को ट्रेनिंग दी है, जिसमें इंडस्ट्रियल पार्क में AIIMS-लेवल की टेक अकादमियां और क्वांटम लैब हैं. निवेश मित्र 3.0 की AI गाइडेंस ने निवेश में क्रांति ला दी है, जबकि फिनटेक और एग्रीटेक स्टार्टअप ने 20,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं.
हेल्थकेयर क्रांति में हर डिवीज़न में AIIMS, 2047 तक 50,000 पेशेवर, और आयुष्मान भारत 10 करोड़ लोगों को कवर कर रहा है, जिससे OPD की लाइनें 70% कम हो गई हैं. महिला वर्कफोर्स 35% तक पहुंच गई है, जिसका लक्ष्य 60% है, स्वयं सहायता समूहों के ज़रिए 1 लाख करोड़ रुपये का टर्नओवर हो रहा है. शिक्षा में सार्वभौमिक डिजिटल साक्षरता, हर ब्लॉक में टेक स्कूल, उच्च शिक्षा में GER 50% हासिल किया गया है.
गरीबी 20% कम हुई है, सार्वभौमिक कल्याण से 2030 तक इसे खत्म करने का लक्ष्य है. ODOP के ज़रिए ग्रामीण युवाओं को सशक्त बनाया गया है, जिससे गाँव ब्रॉडबैंड और कौशल केंद्रों के साथ इनोवेशन हब में बदल रहे हैं. CM योगी का "शिक्षित बचपन, स्वस्थ परिवार" पर फोकस यह सुनिश्चित करता है कि जीवन शक्ति थीम सुरक्षा और पर्यावरण प्रबंधन प्रदान करे.
सांस्कृतिक पुनर्जागरण और पर्यटन
अयोध्या के राम मंदिर ने 85,000 करोड़ रुपये के पर्यटन निवेश को बढ़ावा दिया, जिससे सालाना 10 करोड़ तीर्थयात्री आते हैं, जिससे हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में 500% की बढ़ोतरी हुई है. सांस्कृतिक केंद्र आधुनिक संग्रहालयों के साथ काशी की विरासत को पुनर्जीवित कर रहे हैं, जबकि दीपोत्सव जैसे त्योहार वैश्विक पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं.
क्या है यूपी का लक्ष्य?
- GSDP: 2017 में बेसलाइन 13 लाख करोड़ रुपये था, 2025 तक उपलब्धि 35 लाख करोड़ रुपये हो गई जो 269 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है, तथा 2047 का लक्ष्य 6 ट्रिलियन डॉलर है.- प्रति व्यक्ति आय: 2017 में बेसलाइन 43,000 रुपये था, 2025 तक उपलब्धि 1.2 लाख रुपये हो गई जो 279 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है, तथा 2047 का लक्ष्य 26 लाख रुपये है.- निर्यात: 2017 में बेसलाइन 60,000 करोड़ रुपये था, 2025 तक उपलब्धि 1.86 लाख करोड़ रुपये हो गई जो 222 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है, तथा 2047 का लक्ष्य भारत की जीडीपी का 20 प्रतिशत है.- एक्सप्रेसवे: 2017 में बेसलाइन 0 किलोमीटर था, 2025 तक उपलब्धि 1,300 से अधिक किलोमीटर हो गई, तथा 2047 का लक्ष्य 20,000 किलोमीटर है.- शहरीकरण: 2017 में बेसलाइन 22 प्रतिशत था, 2025 तक उपलब्धि 28 प्रतिशत हो गई, तथा 2047 का लक्ष्य 60 प्रतिशत है.- यूनिकॉर्न: 2017 में बेसलाइन 0 था, 2025 तक उपलब्धि 50 से अधिक हो गई, तथा 2047 का लक्ष्य 2030 तक 200 से अधिक है.- नवीकरणीय ऊर्जा: 2017 में बेसलाइन 2 गीगावाट था, 2025 तक उपलब्धि 15 गीगावाट हो गई, तथा 2047 का लक्ष्य 100 गीगावाट है.- नौकरियां: 2017 में बेसलाइन डैश था, 2025 तक उपलब्धि 2.5 करोड़ हो गई, तथा 2047 का लक्ष्य 10 करोड़ है.
UP की दास्तां पूरे राष्ट्र को प्रेरणा देती है. एक्सप्रेसवे सपनों को जोड़ते हैं, ग्रीन एनर्जी लोगों के घरों में रोशनी, तकनीकी अपने साथ नौकरियां और कल्याणकारी योजनाएं राज्य के लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने में मदद करेंगी. वर्ष 2047 में जब राष्ट्र अपने स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर रहा होगा तब यूपी उसके लीडर्स में से एक होगा.