भारतीय वायुसेना प्रमुख एपी सिंह ने कहा कि मौजूदा संघर्षों से ये सबक मिलता है कि भविष्य में लंबे समय तक चलने वाले युद्ध के लिए हमें तैयार रहना चाहिए. उन्होंने एक टेलीविजन चैनल के कॉन्क्लेव के शनिवार को दौरान कहा कि भारतीय पारिस्थितिकी तंत्र को उस स्तर पर पहुंचने की जरूरत है जहां नई प्रौद्योगिकी का विकास भारत में हो. साथ ही, अन्य देश भी उसका अनुसरण करें.
एयर चीफ मार्शल ने आगे कहा कि इसलिए अपनी अन्य क्षमताओं के साथ हमें लंबे समय तक चलने वाले युद्ध में टिके रहने की क्षमता का निर्माण करने की जरूरत है. एपी सिंह ने आगे कहा कि पहले का ये विचार अब बदल चुका है कि युद्ध ‘‘छोटे और त्वरित’’ होंगे. उद्योग के समर्थन की जरुरत है ताकि हम अपने घाटे को पूरा कर सकें. इसके साथ ही, हवाई क्षेत्र में नियंत्रण की प्रधानता स्पष्ट रूप से सामने आई है.’’
वायुसेना प्रमुख एपी सिंह से जब दुनिया में जारी संघर्षों से मिले सबक के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि संघर्ष से प्रौद्योगिकी, विशेष रूप से मानव रहित वाहनों की भूमिका सामने आई है. प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रगति के साथ ‘‘हमें आगे बढ़ने की जरूरत है.’’
एयरचीफ मार्शल से उन खबरों के बारे में भी सवाल किया गया कि पाकिस्तान एक पड़ोसी देश से पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान लेने वाला है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि ये सार्वजनिक स्रोत से मिली सूचना है, पाकिस्तान को पांचवीं पीढ़ी के विमान दिए जाने की बातचीत जारी है. हालांकि, वायुसेना प्रमुख ने कहा कि अगर दुश्मन का विमान प्रौद्योगिकी के रूप से उन्नत है, तो रणनीति अपनाई जा सकती है.
एपी सिंह ने आगे कहा कि ये ‘‘बिल्ली और चूहे का खेल’’ है जो चलता रहेगा. हमें उनके (प्रतिद्वंद्वी के) कदम उठाने पहले ही अनुमान लगाना होगा और प्रौद्योगिकी में उनसे आगे निकलना होगा. एयर चीफ मार्शल ने अफसोस जताते हुए कहा कि ‘‘हम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अभी अनुसरण कर रहे हैं.’’ उन्होंने आगे कहा- ‘‘हमें एक ऐसे चरण तक पहुंचने की जरूरत है जहां नई प्रौद्योगिकी भारत से निकले और दूसरे उसका अनुसरण करें.’’
अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों से एयर चीफ मार्शल ने आग्रह किया कि ‘‘विफलता के लिए तैयार’’ रहना चाहिए और इससे जल्दी सीखना चाहिए.
जब वायुसेना प्रमुख से ये पूछा गया कि भारतीय वायुसेना आज उसी तरह की स्थिति में कैसे प्रतिक्रिया देगी जो उसने फरवरी 2019 में बालाकोट हवाई हमले के समय किया था. वायुसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘हम जो करेंगे, उसके बारे में हम पहले से नहीं बता सकते. हमारे पास विकल्प उपलब्ध हैं और यह इस आधार पर तय किया जाता है कि कैसा खतरा है...हम क्या परिणाम चाहते हैं...मुझे यकीन है कि अगर हमारे पास राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं होती तो बालाकोट नहीं होता.’’
उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि युद्ध में प्रवेश करते समय व्यक्ति को आत्मविश्वास होना चाहिए, लेकिन अति आत्मविश्वास नहीं. उनसे बेंगलुरु में ‘एयरो इंडिया 2025’ के दौरान एचएएल के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों और इंजीनियरों के साथ उनकी हाल की उस बातचीत के बारे में भी सवाल किया गया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी.
एयर चीफ मार्शल सिंह ने उनकी निजी बातचीत का वीडियो बनाए जाने को ‘‘बेहूदा’’ करार दिया. उन्होंने कहा, ‘‘क्या आप चाहते हैं कि कोई आपकी निजी बातचीत का वीडियो बनाए. मैं एचएएल में अपने सहयोगियों से बात कर रहा था. जिस तरह से यह (वीडियो) सामने आया, वह सही नहीं था...हमने भी गलतियां की हैं....’’