भारत ने 15 दिसंबर 2022 को देश की सबसे शक्तिशाली इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 के ट्रायल का सफल परीक्षण किया. इस मिसाइल ने 5500 किलोमीटर की दूरी पर टारगेट को सफलता से तबाह किया.


एक तरफ जहां अग्नि-5 का ट्रायल सफल रहा वहीं दूसरी तरफ चीन से तनाव के बीच भारत अब एलओसी पर 'प्रलय' मिसाइल को तैनात करने जा रहा है, जो चीन के किसी भी अटैक को काउंटर कर सकती है. भारत ने इस साल यानी 2022 में धनुष, निर्भय क्रूज मिसाइल जैसे कई ऐसे मिसाइलों का सफल परीक्षण किया है जो कि सुरक्षा के लिहाज से भारत के लिए बड़ी उपलब्धि है. 


साल 2022 में भारत ने एक से एक स्वदेशी मिसाइलों का परीक्षण करके ना सिर्फ आसमान में अपनी ताकत दिखाई है. बल्कि एयरोस्पेस में बढ़ती ताकत का एहसास दुनिया को भी कराया है.  


साल 2022 में इन स्वदेशी मिसाइलों का किया गया सफल परीक्षण 





  • मैन पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल - इस मिसाइल का परीक्षण डीआरडीओ ने जनवरी के महीने में किया था. भारत में विकसित की गई एंटी-टैंक एक कम वजन वाली मिसाइल है. इसे मैन पोर्टेबल लॉन्चर से लॉन्च किया जाता है.

  • हेलिना मिसाइल - अप्रैल में एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल ‘हेलीना’ लॉन्च की गई. इस मिसाइल का अलग-अलग उच्च-ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर की मदद से दो बार सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया. यह उड़ान परीक्षण डीआरडीओ, भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना ने संयुक्त रूप से आयोजित किए थे.

  • ब्रह्मोस एक्सटेंडेड रेंज एडिशन - ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण मई के महीने में किया गया था. इसके सफल होने के साथ ही अब एयरफोर्स सुखोई फाइटर एयरक्राफ्ट से बहुत लंबी दूरी तक जमीन या समंदर में किसी लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाकर हमला करने में सक्षम हो गया है.

  • के-4 मिसाइल- के-4 मिसाइल को भारत की तीसरी सबसे ताकतवर मिसाइल के तौर पर जाना जाता है. इसका परीक्षण इसी साल किया गया था. इसे पनडुब्बी से लॉन्च किया जा सकता है. इस मिसाइल की मारक क्षमता 3 हजार किमी है. साथ ही यह 3 टन तक का परमाणु हथियार भी ले जा सकता है.

  • बराक-8 मिसाइल- भारत की खतरनाक मिसाइलों में से एक है. इस मिसाइल को हमारे देश ने इजरायल के साथ मिलकर बनाया है और इसका परीक्षण भी इसी साल यानी 2022 में किया गया था. इस मिसाइल को सतह से हवा में टारगेट कर छोड़ा जा सकता है. बराक-8 मिसाइल 70 किलो तक का वजन के बराबर हथियार उठाने में सक्षम है.

  • वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (VL-SRSAM)- वीएल एमआरएसएएम का परीक्षण 23 अगस्त 2022 को ओडिशा में किया गया था. इस परीक्षण को डीआरडीओ और भारतीय नौसेना ने मिलकर किया था. यह प्रणाली भारतीय नौसेना को सी-स्किमिंग लक्ष्यों सहित निकट दूरी पर विभिन्न हवाई खतरों को बेअसर करने के लिए मजबूती प्रदान करेगी.

  • सबमरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल- अक्टूबर महीने में आईएनएस अरिहंत ने पनडुब्बी से छोड़ी जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल का प्रभावी परीक्षण किया था मिसाइल का आवश्यक रेंज में परीक्षण किया गया और बंगाल की खाड़ी के भीतर लक्ष्य स्थान पर बड़ी सटीकता के साथ निशाना साधा गया. 




हाल ही में किया गया था अग्नि-5 का ट्रायल 


इस हफ्ते की शुरुआत में भारत ने अग्नि-5 न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था. उस वक्त इस मिसाइल की रेंज 5 हजार किलोमीटर बताई गई थी, जो अब बढ़ाकर 7 हजार से ज्यादा कर दी गई है. हालांकि, इसका वजन 20 प्रतिशत तक कम किया गया है.


रक्षा सूत्रों ने बताया है कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी डीआरडीओ ने मिसाइल में लगे स्टील को हटाकर कंपोजिट मटेरियल लगा दिया गया है. इससे मिसाइल का वजन अब 20 प्रतिशत कम हो गया है. इसके साथ ही ये भी बताया गया है कि अगर सरकार चाहे तो इसकी मारक क्षमता को 7 हजार किलोमीटर से भी आगे बढ़ाया जा सकता है. इसको लेकर सूत्रों ने कहा है कि मिसाइल की रेंज बढ़ाने के लिए सरकार की तरफ से रिकमंड किया गया था.


रॉकेट फोर्स बनाने पर विचार कर रहा है भारत  
इस साल कई मिसाइलों के सफल परिक्षण के बाद भारत ही में नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने इसका खुलासा किया था. भारत में चीनी सैनिकों की घुसपैठ को देखते हुए भारत अब LAC पर सैन्य ताकत को बढ़ाने में लगा हुआ है. चीन से खतरे को देखते हुए भारतीय सेना एक 'रॉकेट फोर्स' बनाने पर विचार कर रही है. रॉकेट फोर्स के गठन का प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय में विचाराधीन है. इस सप्ताह होने वाली बैठक में इस प्रस्ताव पर भी विचार किया जा सकता है.