कहा जाता है कि हजारों साल पहले भारत पूरी दुनिया में ज्ञान का सबसे बड़ा केंद्र था. नालंदा-तक्षशिला और विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालयों में पढ़ने के लिए दुनिया भर के छात्र आते थे. अब सवाल उठता है कि क्या भारत वह मुकाम दोबारा कभी हासिल कर पाएगा तो इसका जवाब 2047 में छिपा है. दरअसल, जिस तरह भारत का एजुकेशन सेक्टर तरक्की कर रहा है, उससे वह दिन दूर नहीं कि भारत एक बार फिर विश्व गुरु कहलाएगा. आलम यह होगा कि ज्ञान के इस केंद्र में पढ़ने के लिए दुनियाभर के लोग तरसेंगे. यह सब कैसे होगा, आइए जानते हैं?
कैसा था प्राचीन भारत का गौरव?
प्राचीन काल में भारत शिक्षा का ग्लोबल हब था. तक्षशिला विश्वविद्यालय (ईसा पूर्व छठवीं शताब्दी) में चाणक्य-पाणिनि और चरक जैसे महान विद्वान पढ़े. यहां युद्धकला, चिकित्सा, गणित, दर्शन और वेदों की पढ़ाई होती थी. ग्रीक-चीन और फारस के हजारों छात्र पढ़ाई के लिए भारत आते थे. बता दें कि 5वीं शताब्दी में नालंदा विश्वविद्यालय दुनिया का सबसे बड़ा शिक्षा केंद्र था. यहां 10 हजार छात्र और 2 हजार शिक्षक थे. चीनी यात्री ह्वेनसांग और इत्सिंग जैसे विद्वानों ने भी इसका जिक्र किया है. इसके अलावा विक्रमशिला और ओदंतपुरी भी काफी मशहूर थे. UNESCO की रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये केंद्र दुनिया के पहले अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय थे. इतिहास को वर्तमान और भविष्य का हिस्सा बनाने के लिए नालंदा को फिर जीवित किया गया है. इसके तहत राजगीर (बिहार) में नई नालंदा यूनिवर्सिटी बनाई गई है. पीएम मोदी कहते हैं कि यह यूनिवर्सिटी पुराने गौरव को लौटाएगी और नया स्वर्ण युग शुरू करेगी.
तेजी से बढ़ रहा एजुकेशन सेक्टर
भारत में हायर एजुकेशन का बाजार तेजी से फैल रहा है. 2025 में हायर एजुकेशन में 4 करोड़ से ज्यादा छात्र enrolled हैं. AISHE रिपोर्ट 2024-25 के अनुसार, ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो (GER) 30 पर्सेंट के करीब पहुंच गया है. वहीं, NEP 2020 का लक्ष्य इसे 2035 तक 50 पर्सेंट करना है. इसके अलावा भारत में विदेशी छात्रों की संख्या बढ़ रही है. 2025 में 72 हजार से ज्यादा विदेशी छात्र भारत में पढ़ रहे हैं, जो 200 देशों से आए हैं. इनमें मुख्य रूप से नेपाल, अफगानिस्तान, अफ्रीका और मध्य पूर्व के स्टूडेंट्स हैं.
वर्ल्ड रैंकिंग्स में भी भारत मचा रहा धमाल
विश्व रैंकिंग्स में भारत की यूनिवर्सिटी लगातार अपने कदम बढ़ा रही हैं. QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में भारत की 54 यूनिवर्सिटी शामिल हैं, जो 2015 में सिर्फ 11 थीं. IIT दिल्ली टॉप भारतीय यूनिवर्सिटी है, जिसकी ग्लोबल रैंक 123 है. वहीं, IIT बॉम्बे 129वें, IIT मद्रास 180वें पायदान पर है. इसके अलावा टाइम्स हायर एजुकेशन (THE) वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में भारत के 128 संस्थान शामिल हैं, जो अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर हैं. NIRF रैंकिंग 2025 में IISc बैंगलोर, JNU और मणिपाल यूनिवर्सिटी टॉप पर हैं.
ग्लोबल नॉलेज का हब बनेगा भारत
NITI आयोग के CEO बीवीआर सुब्रह्मण्यम के मुताबिक, 2047 तक भारत में 5 लाख विदेशी छात्र पढ़ेंगे. भारत एजुकेशन सेक्टर का ग्लोबल प्रोवाइडर बनेगा. NITI आयोग के 'विकसित भारत 2047' विजन डॉक्यूमेंट में एजुकेशन अलग चैप्टर है. 2047 तक भारत 30-40 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा, जिसमें ज्ञान आधारित इंडस्ट्री अहम होगी. EY-FICCI रिपोर्ट 'हायर एजुकेशन इन इंडिया: विजन 2047' में बताया गया है कि NEP से भारत दुनिया का बड़ा शिक्षा केंद्र बनेगा. GER 50% हो जाएगा. यूनिवर्सिटी मल्टीडिसिप्लिनरी बनेंगी.
ये योजनाएं तरक्की में लगाएंगी पंख
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020): यह सबसे बड़ा बदलाव है. मल्टीडिसिप्लिनरी शिक्षा, फ्लेक्सिबल डिग्री, रिसर्च पर फोकस बढ़ाने की प्लानिंग है. 4 साल की डिग्री, मल्टीपल एंट्री-एग्जिट की भी सुविधा दी जाएगी. 2025 तक FYUP (फोर ईयर अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम) कई यूनिवर्सिटी में लागू हो गया है. विदेशी यूनिवर्सिटीज जैसे डीकिन (ऑस्ट्रेलिया), वूलोंगॉन्ग और साउथैम्पटन भारत में कैंपस खोल रही है. IIT मद्रास का जंजीबार कैंपस और IIT दिल्ली का अबू धाबी कैंपस शुरू हो चुके हैं.
- स्टडी इन इंडिया और इंटरनेशनलाइजेशन: विदेशी छात्रों को आकर्षित करने की भी योजना बनाई गई है. इसके लिए 2047 तक 5 लाख विदेशी छात्रों के आने का खाका तैयार किया गया है. आसान वीजा, स्कॉलरशिप और हर यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल ऑफिस की तैयारी है. UGC नियमों से डुअल डिग्री, जॉइंट डिग्री और स्टूडेंट एक्सचेंज बढ़ रहे हैं. IIT और IIM विदेश में कैंपस खोल रहे हैं.
- डिजिटल एजुकेशन और एडटेक: SWAYAM, DIKSHA और नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी (2025 में लॉन्च) से ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है. AI और VR से कोर्स एडवांस्ड बनाए जा रहे हैं. एडटेक से दूर-दराज के छात्र जुड़ रहे हैं.
- रिसर्च और इनोवेशन: नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (NRF) से रिसर्च और इनोवेशन के लिए लगातार फंडिंग की जा रही है. इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस (IoE) से टॉप यूनिवर्सिटी को स्वायत्तता दी गई है. QS और THE रैंकिंग में रिसर्च स्कोर बढ़ रहा है.
दुनिया के लोग भारत में क्यों आएंगे पढ़ने?
अमेरिका-ब्रिटेन में पढ़ाई काफी महंगी है, जबकि भारत में पढ़ाई सस्ती और अच्छी क्वालिटी की होगी. NEP से कोर्स ग्लोबल स्टैंडर्ड के रहेंगे. भारतीय संस्कृति, योग, आयुर्वेद और इंडियन नॉलेज सिस्टम विदेशी स्टूडेंट्स को आकर्षित करेंगे. सस्ता रहन-सहन, सुरक्षित कैंपस चीजों को बेहतर करेंगे. माना जा रहा है कि एशिया-अफ्रीका से आने वाले स्टूडेंट्स की संख्या ज्यादा होगी, लेकिन पश्चिमी देशों के स्टूडेंट्स का रुझान भी भारत के प्रति बढ़ेगा.
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